ढोल-तांसे बजा-बजा कर गुज़रे 3 सालों में बनाया गया लॉ एंड ऑर्डर की 'यूएसपी' का गुब्बारा इतनी बुरी तरह फुस्स हो जायेगा, यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कभी इसकी कल्पना नहीं की होगी। कानपुर में हुए 8 पुलिसकर्मियों के नरसंहार ने पूरे प्रदेश की जनता के बीच विपक्ष के इस 'नैरेटिव' की प्राण प्रतिष्ठा करा दी है- ‘यूपी में जंगल राज है।' विकास दुबे और उसके गैंग का कृत्य सिर्फ़ एक अपराधी द्वारा अपराध की नियत से पुलिस पर किये गए हमले की हिंसक कार्रवाई मात्र नहीं है, बल्कि इसे राजनेताओं, पेशेवर अपराधियों और नौकरशाही के ‘पवित्र’ गठजोड़ की घृणित संघटना के रूप में देखा जाना चाहिए। यूपी में निकटवर्ती दशकों में इसका तेज़ी से प्रसार हुआ है। हाल के सालों में यह जम कर पुष्प-पल्लवित हुई है।