किसान कहाँ-कहाँ लड़े। नये कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे या फ़सल उपजाए? उपज की सही क़ीमत के लिए सरकार से लड़ाई लड़े या फिर अपनी फ़सलों के बकाए की वसूली के लिए अधिकारियों के पास दौड़ लगाता रहे? उत्तर प्रदेश गन्ना किसानों के सामने भी यही समस्या है।गन्ने की नये फ़सल का सीजन आ चुका है, लेकिन चीनी मिलों पर उनकी पिछली उपज का पैसा अभी भी बकाया है। यह क़रीब 8400 करोड़ रुपये बैठता है।
गन्ना किसानों का बकाया 8400 करोड़ मिला नहीं और फ़सल का नया सीजन भी आ गया
- उत्तर प्रदेश
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- सत्य ब्यूरो
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- 5 Oct, 2020
