विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश को लेकर मंथन में जुटी भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कई विकल्पों पर एक साथ काम कर रही हैं। एक तरफ जहाँ पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व और संघ सरकार से लेकर संगठन में बदलाव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के मंत्रियों व दूसर विधायकों से फीडबैक लेने की कवायद भी शुरू हो गई है।
बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मंत्रियों-विधायकों से बात कर उनकी दिक्क़तें, सरकार की छवि सुधारने के सुझाव के साथ आगे की रणनीति पर विचार विमर्श कर रहा है।
पश्चिम बंगाल की तर्ज पर यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव में सब कुछ झोंकने की तैयारी के साथ जून से हर महीने कम से कम एक बार राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के दौरे भी होंगे।
सोमवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी. एल. संतोष और उत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह पहुँचे और बैठकों का सिलसिला शुरू किया।
मंत्रियों से मिला केंद्रीय नेतृत्व
प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में संतोष, राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश संगठन प्रभारी सुनील बंसल की मौजूदगी में सोमवार को सबसे पहले मंत्रियों से बातचीत शुरू हुई। इन नेताओं ने प्रदेश के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह से बात की और उसके बाद क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक से लंबी बातचीत की।
पार्टी के इन बड़े नेताओं ने मंत्री सुरेश खन्ना, जय प्रताप सिंह से भी मुलाकात की। दोपहर भोजन के बाद प्रदेश बीजेपी कार्यालय में ही मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, श्रीकांत शर्मा, सतीश दिवेदी और स्वाति सिंह ने भी अलग-अलग मुलाक़ात की।
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बीजेपी प्रदेश कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, संतोष और राधामोहन सिंह के साथ बैठक में यूपी बीजेपी के 6 क्षेत्रीय अध्यक्ष और 7 महामंत्री भी शामिल थे। यूपी के तीनों सह प्रभारियों को भी बैठक में बुलाया गया था। इस बैठक के बाद सीएम आवास पर यूपी बीजेपी कोर ग्रुप की भी बैठक हुई।
बड़े बदलाव के कयास
कोरोना संकट के दौरान सरकार को लेकर उपजी नाराज़गी और पंचायत चुनाव के नतीजों से मिली निराशा के बाद उत्तर प्रदेश में सरकार से लेकर संगठन में बदलावों की चर्चा जोरों पर है। यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी तेज हैं। प्रदेश में फिलहाल 53 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में 60 मंत्री हो सकते हैं।
अभी 7 मंत्रियों को और शामिल किया जा सकता है। हाल ही में वीआरएस ले चुके गुजरात काडर के रिटायर्ड आईएएस ए. के. शर्मा को विधान परिषद सदस्य बनाया गया है। उन्हें मंत्रिमंडल में बड़ा पद मिलने की चर्चा हैं।
विभागों में बदलाव?
बीजेपी के उच्च स्तरीय नेताओं का कहना है कि जिस तरह से कवायद चल रहा है, उससे इतना तो साफ है कि बड़े पैमाने पर बदलाव संभव है। विधानसभा चुनाव में जाने से पहले सरकार से लेकर संगठन की छवि को बदला जाएगा। इस बदलाव में राज्य में नए मंत्रियों का शामिल होना, कई मंत्रियों के विभागों में बदलाव संभव है।
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रस्तावित विस्तार में भी बड़ी हिस्सेदारी मिल सकती है। जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से कुछ यूपी के सांसद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह पा सकते हैं। संगठन के स्तर पर काफी बदलाव अपेक्षित हैं।
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