loader

यूपी बीजेपी के नेताओं की नड्डा के साथ बैठक, मिश्रा पर फ़ैसला जल्द?

लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदे जाने की घटना बीजेपी के गले की फांस बनती दिख रही है। अजय मिश्रा मोदी कैबिनेट में रहेंगे या नहीं, पार्टी इस बारे में जल्द ही कोई फ़ैसला कर सकती है क्योंकि विपक्ष और किसानों ने बीजेपी पर जबरदस्त राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। 

इस मामले में चल रहे राजनीतिक बवाल के बीच सोमवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी के बड़े नेताओं की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई है। इस बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल मौजूद रहे। 

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस दौरान लखीमपुर की घटना के बाद बने राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई है। इस बैठक में उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश बीजेपी के प्रभारी राधा मोहन सिंह और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल रहे। इससे समझा जा सकता है कि यह बैठक कितनी अहम थी। 

ताज़ा ख़बरें

किसानों और विपक्षी दलों ने जितनी मजबूती के साथ इस मामले में बीजेपी पर हमला बोल दिया है, उससे पार्टी को डर है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उसे बड़ा राजनीतिक नुक़सान हो सकता है। इस घटना का असर निश्चित रूप से उत्तराखंड के चुनाव पर भी पड़ेगा। इसलिए पार्टी इस मामले को लेकर परेशान दिखती है। 

ब्राह्मणों की नाराज़गी का डर

बीजेपी ने ब्राह्मणों को साधने के मक़सद से ही अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल में शामिल किया था। लेकिन अब पार्टी को इस बात का डर है कि मिश्रा का इस्तीफ़ा लेने से कहीं ब्राह्मण समुदाय उससे नाराज़ न हो जाए। उत्तर प्रदेश में बड़ी सियासी हैसियत रखने वाला यह समाज बीजेपी से नाराज़ है, इसकी ख़बरें मीडिया में आती रही हैं। 

मुख्य विपक्षी दल- बीएसपी और एसपी योगी सरकार में ब्राह्मणों पर जुल्म होने की बात कहते रहे हैं।

UP BJP leaders on lakhimpur kheri violence  - Satya Hindi
महाराष्ट्र विकास अघाडी सरकार में शामिल तीनों दलों की ओर से महाराष्ट्र बंद बुलाया गया था।
लखीमपुर की घटना के कारण बीजेपी परेशान है, इसका पता प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के इस बयान से भी चलता है कि “हम नेतागिरी में किसी को फ़ॉर्च्यूनर से कुचलने नहीं आए हैं।” 

बीजेपी जानती है कि इस मामले में कोई फ़ैसला करना ही होगा। वरना यह उत्तर प्रदेश के चुनाव में उसका बोरिया-बिस्तर समेटने का इंतजाम कर सकता है।

चुनावी तैयारियों पर ब्रेक 

विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं और पार्टी को अपने उम्मीदवारों का एलान करने के साथ ही नेताओं के दौरे, चुनावी रैलियां और बाक़ी चुनावी इंतजाम भी करने हैं। लेकिन लखीमपुर खीरी की घटना से इन सब कामों पर ब्रेक लग गया है। 

अगर पुलिस की जांच में यह बात साबित हो गयी कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ियों में अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मोनू मौजूद था तो फिर पार्टी का सत्ता में लौटना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें
क्योंकि किसान इसके बाद और भड़क जाएंगे और किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कमजोर हो चुकी बीजेपी की सियासी ज़मीन में तो वोटों की खेती नहीं हो पाएगी। प्रदेश के दूसरे हिस्सों में भी विपक्ष और किसान बीजेपी पर चढ़ाई कर देंगे और निश्चित रूप से इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें