चुनावी गहमागहमी के वातावरण के बीच पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में भ्रमण करने का अवसर मिला। सरकार द्वारा जिस विकास का ढिंढोरा पीटा जा रहा है उसका तो कहीं दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं दिखाई दिया। शहरों व क़स्बों में वही टूटी-फूटी गड्ढेदार धूल भरी सड़कें, जगह जगह सड़कों व चौराहों पर लावारिस पशुओं के क़ब्ज़े, जाम पड़े सड़ांध मारते नाले व नालियां, आम लोगों के चेहरों पर छाई मायूसियाँ, युवाओं में अपने करियर के प्रति असुरक्षा का भय, महंगाई से दुखी जनता की पीड़ा, ग़रीबी सब कुछ साफ़ नज़र आता है।