पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पिछले दिनों ट्यूटर के माध्यम से यह चिंता ज़ाहिर की कि-“भारत में अल्पसंख्यकों को अतिवादी समूह निशाना बना रहे हैं और इस तरह का एजेंडा क्षेत्रीय शांति के लिए एक वास्तविक और वर्तमान ख़तरा है।” उन्होंने यह आरोप दिसंबर में हरिद्वार में हुई कथित धर्म संसद के दौरान कुछ कथित संतों द्वारा मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपमानजनक व भड़काऊ भाषण दिए जाने के सन्दर्भ में लगाये।
इमरान साहब, आप भारत छोड़ पाकिस्तान की चिंता करें!
- विचार
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- 15 Jan, 2022

पाकिस्तान के खराब हालात पर ध्यान देने के बजाए इमरान खान को भारत के मुसलमानों की चिंता करने का ढकोसला क्यों कर रहे हैं?
इमरान ख़ान ने यह भी पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारत में अल्पसंख्यकों के सामूहिक संहार की मांग का समर्थन करती है, जिस देश में 20 करोड़ से अधिक मुसलमान रहते हैं?
उन्होंने कहा कि यही समय है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसका संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए। इसके पूर्व भी गत माह पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भारत के अधिकारी को पेश होने के लिए कहा था और हरिद्वार की कथित धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषणों को लेकर अपनी आपत्ति व्यक्त की थी। उस समय भी पाकिस्तान ने भारतीय पक्ष से कहा था कि कथित भड़काऊ भाषणों को नागरिक समाज गंभीर चिंता के साथ देख रहा है।