भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को देश के उस इकलौते प्राचीन राजनैतिक संगठन के रूप में जाना जाता है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाते हुए पराधीन भारत को स्वाधीनता दिलाई थी। महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहब भीम राव आंबेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान जैसे अनेक महान नेता इसी कांग्रेस पार्टी के सम्मानित संस्थापक व सदस्य रहे हैं।
नेता कब गांधीवादी से गोडसेवादी बन जाते हैं?
- विचार
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- 2 Oct, 2022

1869 में आज ही के दिन यानी 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था। देश की आज़ादी में उनका अमूल्य योगदान रहा है, लेकिन इसके बावजूद उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन क्यों किया जा रहा है?
कांग्रेस पार्टी जहाँ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज़ादी के बाद अर्थात अब तक 'सर्व धर्म समभाव’ जैसी सर्व समावेशी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करती आ रही है वहीं इसी देश में हिन्दू महासभा, मुसलिम लीग, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसे भी अनेक दल व संगठन सक्रिय रहे जिन्होंने कांग्रेस व गांधीवादी विचारधारा के विरुद्ध चलते हुए देश के लोगों को धर्म के नाम पर गोलबंद करने का काम शुरू किया। ऐसी शक्तियां अंग्रेज़ों के हाथों का खिलौना बन गयीं क्योंकि अंग्रेज़ भी 'बांटो और राज करो’ की इसी विभाजनकारी नीति पर चलते हुए ही विश्व के बड़े भूभाग पर शासन करते आ रहे थे।