उत्तर प्रदेश विधानसभा की शुरुआत सोमवार को हंगामेदार रही और समाजवादी पार्टी के विधायक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण को 'राज्यपाल वापस जाओ' के नारों से बाधित करते रहे। इससे पहले सुबह सपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर धरना दिया।
राज्य का बजट सत्र सुबह 11 बजे शुरू हुआ जब पटेल ने नारेबाजी के बीच सदन की संयुक्त बैठक में अपना भाषण पढ़ना जारी रखा। सपा और आरएलडी के विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा, उनके पास जो भी मुद्दे हैं, उन्हें सदन में आना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए। सरकार उनका जवाब देने के लिए तैयार है।
प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शिवपाल या अखिलेश या उनका पूरा परिवार धरने पर बैठता है। उन्होंने कहा, हमारे पास विकास का लक्ष्य है और हम इस पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सपा का धरना
सत्र शुरू होने से पहले पार्टी महासचिव शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा विधायक हाथों में तख्तियां लेकर विधानसभा के प्रवेश द्वार पर धरने पर बैठे। शिवपाल ने संवाददाताओं से कहा कि वे चाहते हैं कि सत्र चले ताकि वे जनहित के मुद्दों को उठा सकें।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राज्य में सत्ताधारी दल पर तंज कसते हुए कहा, जो लोग इन्वेस्टर्स समिट में लगाए गए पौधे को भी नहीं बचा पाए, वे निवेश कैसे प्राप्त करेंगे?
पीटीआई के मुताबिक कानपुर देहात में एक 45 वर्षीय महिला और उसकी बेटी द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान आत्मदाह करने के बाद विपक्षी दलों ने राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की योजना बनाई है।
हालांकि, बीजेपी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि विपक्ष के पास सदन के पटल पर उसे घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।
पत्रकारों से धक्का मुक्की
विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे सपा विधायकों की कवरेज कर रहे फोटोग्राफर पत्रकारों से विधानसभा के मार्शलों ने धक्का-मुक्की की। मार्शलों ने उनको धक्का देकर जबरन हटाना चाहा। हालांकि बाद में विधानसभा अधिकारियों के बात करने के बाद पत्रकार शांत हो गए। मार्शलों की ड्यूटी सदन के अंदर व्यवस्था संभालने की होती है लेकिन वो अब सदन से बाहर भी पत्रकारों से बदसलूकी करने लगे हैं। समाजवादी पार्टी ने इस संबंध में ट्वीट कर रोष जताया है।
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