उत्तर प्रदेश में दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजों का यों तो सरकार को बनाने-बिगाड़ने में कोई भूमिका नहीं होगी, लेकिन यह सत्तापक्ष और विपक्ष के कई दिग्गजों की राजनैतिक साख व भविष्य की दिशा व दशा तय करने वाले हैं। लोकसभा चुनावों में मुंह के बल गिरी भारतीय जनता पार्टी इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर हताशा से उबरना चाहती है तो विपक्षी समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव नतीजों से यह साबित करना चाहेंगे कि लोकसभा का प्रदर्शन वन टाइम वंडर नहीं बल्कि यूपी में उनके फिर से खड़े होने की शुरुआत थी।