अयोध्या लोकसभा सीट पर मिली शर्मनाक हार के बाद अब उसी जिले में होने वाले विधानसभा सीट के उपचुनाव की कमान खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभालेंगे। जहां प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व संगठन मंत्री को उपचुनाव में दो-दो सीटों का जिम्मा दिया गया है वहीं अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट को जिताने योगी जुटेंगे। मंगलवार को अपने अयोध्या दौरे के दौरान योगी ने स्थानीय नेताओं व कार्यकर्त्ताओं से कहा कि मिल्कीपुर सीट की रणनीति बनाने का काम वो खुद करेंगे व यहां के प्रचार की निगरानी भी करेंगे। योगी की मंशा मिल्कीपुर सीट जीतकर अयोध्या लोकसभा सीट की हार के जख्म पर मरहम लगाने की है। मिल्कीपुर सीट के समाजवादी पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद हाल ही में अयोध्या लोकसभा सीट जीत कर सांसद बने हैं।
योगी के लिए अहम हैं उपचुनाव
लोकसभा चुनावों में सपा के हाथों मिली करारी हार और अयोध्या जैसी प्रतिष्ठापूर्ण सीट हारने के बाद से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर सवाल खड़े हो रहे हैं। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने संगठन, सरकार से लेकर संघ के साथ कई बैठकें कर उत्तर प्रदेश में नेतृत्व बदलने पर मंथन किया है। माना जा रहा है कि अपने बचाव के लिए योगी आदित्यनाथ ने जल्द होने वाले दस विधानसभा सीट के उपचुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने व अधिकांश सीटें जिताने का दावा किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि उपचुनावों के नतीजों पर काफी कुछ योगी का भविष्य टिका हुआ है।
आसान नहीं है उपचुनाव जीतना
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद अब भाजपा की नजर जल्द होने वाले दस विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर है। इन उपचुनावों में भाजपा की जीत के लिए रणनीति खुद योगी तैयार कर रहे हैं। जिन दस सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें से पांच विपक्षी समाजवादी पार्टी और तीन भाजपा के पास थी। दो सीटें भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी व राष्ट्रीय लोकदल के पास थीं। अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट यहां के समाजवादी पार्टी विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के चलते रिक्त हुई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुंचे और उपचुनाव को लेकर पार्टी के स्थानीय नेताओं से फीडबैक भी लिया। माना जा रहा है कि कुंदरकी, सीसामऊ अल्पसंख्यक बहुल तो करहल, मिल्कीपुर व कटेहरी सपा के दिग्गज नेताओं की पैतृक सीट होने के चलते भाजपा की दाल यहां गलनी मुश्किल है। जातीय समीकरणों के बूते सपा फूलपुर और मंझवा जैसी सीटों पर भी कड़ी चुनौती पेश कर सकती है।
भाजपा को सात सीटें जीतने की आस
10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से 7 सीटों पर बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए बैठा है तो सपा आठ सीटों पर।
इंडिया गठबंधन कर रहा रण्नीति तैयार
उत्तर प्रदेश में सीसामऊ, करहल, कुंदरकी, मीरापुर, खैर, गाजियाबाद सदर, मिल्कीपुर, मंझवा, फूलपुर और कटेहरी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें सीसामऊ की सीट वहां के विधायक इरफान सोलंकी के अयोग्य घोषित हो जाने के चलते खाली हुयी है और बाकी सीटों के विधायक लोकसभा के लिए चुन लिए गए हैं। उपचुनाव वाली सीटों में सीसामऊ, करहल, कुंदरकी, कटेहरी और मिल्कीपुर से 2022 में समाजवादी पार्टी को जीत मिली थी तो गाजियाबाद सदर, खैर व फूलपुर से भाजपा के प्रत्याशी जीते थे। मिर्जापुर जिले की मंझवा सीट से भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी तो मीरापुर से राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी जीते थे। सपा ने मिल्कीपुर सीट पर अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद तो कटेहरी सीट पर आंबेडकरनगर सांसद लालजी वर्मा की बेटी छाया वर्मा को उतारने का फ़ैसला किया है। गाजियाबाद सदर और खैर विधानसभा सीटें सपा अपने सहयोगी कांग्रेस को दे सकती है।
डिप्टी सीएम व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को भी जिम्मेदारी
उपचुनावों में दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक को दो-दो सीटों को जितवाने की जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं प्रदेश के अहम कैबिनेट मंत्रियों व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी दो-दो सीटें जिताने का जिम्मा सौंपा गया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को फूलपुर और मंझवा विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जीत हासिल करने की ज़िम्मेदारी दी गयी है। वहीं एक और उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को करहल व सीसामऊ विधानसभा सीट के उपचुनाव का जिम्मा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन मंत्री धर्मपाल भी विधानसभा उपचुनावों में दो-दो सीटों की जिम्मेदारी संभालेंगे। प्रदेश भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक में लिए गए फ़ैसले के मुताबिक़ भूपेंद्र चौधरी को मुजफ्फरनगर जिले के मीरापुर और मुरादाबाद के कुंदरकी सीट की जिम्मेदारी दी गयी है वहीं धर्मपाल को अलीगढ़ जिले में खैर और गाजियाबाद सदर सीट जिताने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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