बीएसपी सुप्रीमो और यूपी की पूर्वी मुख्यमंत्री मायावती अब बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने लगी हैं। आज उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा होने पर ही बीएसपी अपना प्रचार शुरू करेगी।
मायावती लंबे समय से ट्वीट के जरिए हल्के सुरों में बीजेपी की आलोचना कर रही थीं। इससे पहले तो वो गलती से भी केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना नहीं करती थीं। यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुके हैं। इसलिए उनके आज के बयान का आशय समझा जा सकता है।
बसपा अध्यक्ष ने नए साल के मौके पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री से लेकर जितने भी बीजेपी नेता और मंत्री रैलियां कर रहे हैं, वो सरकारी पैसा है। ये रैलियां उसी सरकारी पैसे से हो रही हैं। जबरदस्त सर्दी में सरकार को खजाने की गर्मी चढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि ये सरकारी पैसा गरीबों का है। जिस पैसे को उसके ऊपर खर्च किया जाना चाहिए, उसे पार्टी के प्रचार के लिए बहाया जा रहा है। रैली में जुटने वाली भीड़ पर उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा -
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इन रैलियों में सरकारी कर्मचारियों को बुलाकर भीड़ जमा की जा रही है।
मायावती ने कहा कि चुनाव से पहले जो शिलान्यास और उद्घाटन किए जा रहे हैं, वो पहले किए जाने चाहिए थे। साढ़े चार साल से इनकी याद क्यों नहीं आई। सरकार यह तरीका ठीक नहीं है। सरकार बताए कि उसने पिछले साढ़े चार साल में क्या उल्लेखनीय काम काम किए हैं।
बीएसपी अध्यक्ष ने कहा कि दूसरे राजनीतिक दल दलितों की चिन्ता न करें। हमारी गरीबों की पार्टी है। बीएसपी धन्नासेठों की पार्टी नहीं है। उन्होंने बीएसपी के मंडल सम्मेलनों का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें भारी तादाद में हर वर्ग के लोग हमारे महासचिव सतीश मिश्रा को सुनने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा -
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बीएसपी जमीनी कार्यकर्ताओं की पार्टी है, इसे हमने फिर से सिद्ध कर दिया है।
पार्टी काडर से उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोग विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। हमें फिर से बसपा की सरकार बनानी है और समाज के हर शोषित, दबे-कुचले लोगों की आवाज बनना है। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव की घोषणा होने पर ही पार्टी की रैलियों वगैरह के कार्यक्रम शुरू होंगे।
उन्होंने वैष्णो देवी में हुए हादसे पर गहरा अफसोस जताया। मायावती ने कहा कि मरने वालों के परिवार को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद दी जाए।
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