लखीमपुर खीरी की घटना में सोमवार को 4 और लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। इनमें बीजेपी का एक नेता भी शामिल है। इस घटना में किसानों को गाड़ियों से रौंद दिया गया था। घटना में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 4 किसान भी हैं।
गिरफ़्तार किए गए लोगों के नाम सुमित जायसवाल, शिशुपाल, नंदन सिंह बिष्ट और सत्य प्रकाश त्रिपाठी हैं। इन्हें लखीमपुर खीरी की पुलिस और क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने संयुक्त रूप से गिरफ़्तार किया है। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सत्य प्रकाश त्रिपाठी से लाइसेंसी रिवॉल्वर और तीन गोलियां मिली हैं।
इनमें सुमित जायसवाल बीजेपी का नेता है। वह किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक गाड़ी में मौजूद था और घटना के बाद बचकर भाग निकला था। घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था, इसमें वह साफ दिखाई दिया था। इसके बाद मौक़े पर भगदड़ मच गई थी। ग़ुस्साए किसानों ने गाड़ियों में मौजूद लोगों पर हमला बोल दिया था।
किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में से एक के ड्राइवर शेखर भारती को भी कुछ दिन पहले इस मामले में गिरफ़्तार किया गया था। लवकुश पांडेय और आशीष पांडेय के नाम भी गिरफ़्तार किए गए लोगों में शामिल हैं।
मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग
इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत में खासा बवाल हो चुका है। घटना के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मिश्रा अजय मिश्रा टेनी को मोदी कैबिनेट से बर्खास्त करने की मांग को लेकर विपक्ष और किसानों ने मोर्चा खोला हुआ है। आशीष मिश्रा की गिरफ़्तारी को लेकर भी खासा शोर हुआ था। सुप्रीम कोर्ट की डांट और विपक्ष के दबाव के बाद पुलिस ने आशीष को गिरफ़्तार किया था। तमाम दलों के नेता लखीमपुर खीरी पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिले थे।
किसानों के द्वारा एफ़आईआर दर्ज कराने के बाद सुमित जायसवाल ने भी इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने आशीष मिश्रा के काफिले पर हमला कर दिया था। लेकिन किसानों को रौंदे जाने के वीडियो सामने आने के बाद जायसवाल की बात झूठ निकली थी।
किसानों को रौंदने वाली गाड़ियों में सबसे आगे थार थी, उसके बाद काले रंग की फ़ॉर्च्यूनर गाड़ी थी और इसके पीछे स्कॉर्पियो थी। घटना से नाराज़ लोगों ने थार और फ़ॉर्च्यूनर में आग लगा दी थी। लेकिन स्कॉर्पियो में बैठे लोग बच निकले थे।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का लगातार कहना है कि घटना के दौरान आशीष मिश्रा थार गाड़ी में मौजूद नहीं था। आशीष मिश्रा ने भी यही बात कही है। लेकिन क्राइम ब्रांच और एसआईटी इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या वास्तव में उस दौरान आशीष मिश्रा गाड़ी में मौजूद नहीं था।
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