नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन के दौरान हिंसा को लेकर योगी आदित्यनाथ के 'हम उनसे बदला लेंगे' के बयान के बाद अब कार्रवाई शुरू की गई है। शुरुआत रामपुर ज़िला प्रशासन ने की है। सरकारी नुक़सान की भरपाई के लिए वसूली की प्रक्रिया के तहत 28 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में उनसे पूछा गया है कि क्यों न उनसे 14.86 लाख रुपये वसूले जाएँ। अब इसके साथ ही यह सवाल उठता है कि क्या यह ‘बदले की कार्रवाई’ है?
रामपुर ज़िला प्रशासन ने कहा कि नोटिस राज्य सरकार के आदेश और इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जारी किए गए हैं। प्रशासन की यह कार्रवाई तब शुरू हुई है जब पिछले हफ़्ते ही नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर हिंसा में कम से कम 16 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक भीड़ को रोक पाने में फ़ेल पुलिस ने कानपुर में 20 हज़ार लोगों और पूरे प्रदेश के अन्य हिस्सों में 4500 से ज़्यादा लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की है। सहारनपुर में 1500 लोगों पर मुक़दमे दर्ज किए गए। कानपुर में हुई हिंसा में अलग-अलग थानों में कुल 15 रिपोर्ट दर्ज हुई हैं और इसमें 20 हज़ार अज्ञात उपद्रवियों को अभियुक्त बनाया गया।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 'जो हिंसा में शामिल थे, उनकी वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से पहचान की जा रही है। हम उनसे बदला लेंगे।'
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, रामपुर के ज़िला मजिस्ट्रेट आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, 'हमने 28 लोगों के ख़िलाफ़ नोटिस जारी किए हैं जिनकी भूमिका पुलिस जाँच में पाई गई है। पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ सबूत दिए हैं। उनसे कहा गया है कि वे एक हफ़्ते में अपना जवाब दाखिल करें नहीं तो वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। 28 में से कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है जबकि दूसरों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। आरोपी और उनके परिवार वाले यह सबूत पेश कर सकते हैं कि उनके ख़िलाफ़ ग़लत तरीक़े से इस मामले में केस दर्ज किया गया है।'
जिन लोगों के नाम नोटिस जारी किया गया है उनमें कई इतने ग़रीब हैं कि वे वकील रखने की हैसियत भी नहीं रखते। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, कढ़ाई का काम करने वाले ज़मीर पुलिस हिरासत में हैं। ज़मीर की माँ मुन्नी बेगम ने कहा कि उनके पास एक वकील की फीस देने के पैसे भी नहीं है तो हम क्षतिपूर्ति के रुपये कहाँ से चुका पाएँगे। उन्होंने कहा, 'रविवार को पुलिस नई बस्ती में आई थी और ज़मीर को ले गई थी। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे उसे क्यों ले जा रहे थे। अगले दिन हमें पता चला कि ज़मीर के ख़िलाफ़ शनिवार की हिंसा के लिए केस दर्ज किया गया है और उसे जेल भेज दिया गया है। मेरा बेटा बेकसूर है। हिंसा के दिन वह घर पर था।'
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, ज़मीर के पड़ोसी महमूद को भी पुलिस ने रविवार को गिरफ़्तार किया है। ठेले पर मसाले बेचने वाले महमूद के रिश्तेदार और मज़दूरी करने वाल फहीम कहते हैं कि महमूद भी शनिवार को घर पर था। उन्होंने कहा कि मज़दूरी करने वाले हम इतना ज़्यादा मुआवजा कहाँ से चुकाएँगे? रामपुर में ही बिलासपुर गेट के पास मज़दूर पप्पू को भी गिरफ़्तार किया गया है। उनकी पत्नी सीमा कहती हैं कि उनके पति हिंसा के दिन घर पर थे, लेकिन पुलिस ने ग़लत तरीक़े से उनको गिरफ़्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, ज़मीर और महमूद को शनिवार की हाथी ख़ान क्रॉसिंग पर हुई हिंसा के लिए गिरफ़्तार किया गया है जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और पाँच लोग घायल हो गए थे।
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