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फ़ाइल फ़ोटो

हाथरस: एसपी-आरएलडी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने भांजी लाठियां, कई घायल 

हैवानियत का शिकार हुई हाथरस की निर्भया को इंसाफ़ दिलाने के बहाने राजनीति भी जमकर हो रही है। योगी सरकार की पुलिस अपनी आदत से मजबूर होकर लगातार लाठियां चला रही है और विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि उनकी आवाज़ को कुचलने की कोशिश जारी है। 

3 अक्टूबर को भी योगी सरकार की पुलिस ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर डीएनडी पर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में इस मसले पर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा पीटने-घसीटने के वीडियो फ़ोटो सामने आ रहे हैं। 

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लंबे समय तक मनमानी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मीडिया और राहुल-प्रियंका को पीड़िता के गांव जाने की इजाजत दी थी। इसके बाद रविवार को समाजवादी पार्टी (एसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के कार्यकर्ता हाथरस में पीड़िता के गांव पहुंचे। वहां पहले से बड़ी संख्या में पुलिस फ़ोर्स तैनात को तैनात किया गया है। 

पुलिस ने इन दलों के 5-5 लोगों को पीड़िता के परिवार से मिलने की इजाजत दे दी। लेकिन थोड़ी ही देर बाद पुलिस ने इन दलों के कार्यकर्ताओं पर  लाठीचार्ज कर दिया। पुलिस का कहना है कि कार्यकर्ताओं ने पथराव कर दिया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। 

एसपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पुलिस ने उन्हें गालियां दी। एसपी ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार यहां जातीय संघर्ष कराना चाहती है। 

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टीएमसी सांसदों के साथ बदतमीजी

शुक्रवार को हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जिस तरह की बदतमीजी की, उसकी काफी निंदा की गई। टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के साथ हाथरस के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने धक्का-मुक्की कर उन्हें जमीन पर गिरा दिया था। टीएमसी की एक सांसद ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा था कि हम लोग पीड़िता के घर जाने की कोशिश कर रहे थे कि एक पुरूष अफ़सर ने महिला सांसद से छेड़छाड़ की। इसे लेकर ब्रायन की अफ़सर से जमकर बहस भी हुई। 

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क़मर वहीद नक़वी
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