पिछले तीन महीने भारतीय मीडिया में तमाशे के नाम रहे। फ़िल्मी सितारे सुशांत सिंह को न्याय दिलाने के नाम पर कुछ मीडिया चैनलों ने उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला, मुंबई पुलिस पर सवाल दागे, रिया चक्रवर्ती को हत्यारी बताने की पुरजोर कोशिश की और 59 ग्राम ड्रग्स को लेकर बॉलीवुड में कुछ चुनिंदा लोगों को टारगेट करने का काम किया, इस सबसे पत्रकारिता की साख को गहरा धक्का लगा। इन्होंने चीख-चीखकर कहा कि सुशांत की हत्या की गई है, जबकि जांच एजेंसियों ने तब तक कोई रिपोर्ट नहीं दी थी।
सुशांत केस: हत्या की ‘थ्योरी’ फ़ेल, बीजेपी-मीडिया पर बरसी ठाकरे सरकार
- महाराष्ट्र
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- 4 Oct, 2020
सुशांत मामले में जिस तरह बीजेपी कूदी और उसने ठाकरे सरकार को घेरा, उसी तरह अब शिव सेना ने महाराष्ट्र में हाथरस मामले को लेकर प्रदर्शन किया है। मतलब साफ है कि अब ठाकरे सरकार भी भिड़ने के लिए तैयार है।

इन चैनलों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि यह मामला केंद्र बनाम महाराष्ट्र सरकार का हो गया। बिहार और केंद्र सरकार के इसमें कूदने के बाद मुंबई पुलिस से जांच लेकर सीबीआई को दे दी गई। तब मुंबई पुलिस पर सवाल उठाए गए कि वह अक्षम पुलिस है, उसने दो महीने में हत्या की एफ़आईआर दर्ज नहीं की। जबकि मुंबई पुलिस का कहना था कि यह मामला आत्महत्या का है।