पिछले तीन महीने भारतीय मीडिया में तमाशे के नाम रहे। फ़िल्मी सितारे सुशांत सिंह को न्याय दिलाने के नाम पर कुछ मीडिया चैनलों ने उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला, मुंबई पुलिस पर सवाल दागे, रिया चक्रवर्ती को हत्यारी बताने की पुरजोर कोशिश की और 59 ग्राम ड्रग्स को लेकर बॉलीवुड में कुछ चुनिंदा लोगों को टारगेट करने का काम किया, इस सबसे पत्रकारिता की साख को गहरा धक्का लगा। इन्होंने चीख-चीखकर कहा कि सुशांत की हत्या की गई है, जबकि जांच एजेंसियों ने तब तक कोई रिपोर्ट नहीं दी थी।