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योगेंद्र यादव क्यों कह रहे- यूपी में भाजपा 40 सीटों तक भी जा सकती है

यूपी में छह चरणों का लोकसभा चुनाव हो चुका है और आखिरी चरण का चुनाव 1 जून को है। तमाम टीवी चैनल लगातार तरह-तरह से संकेत कर रहे हैं कि यूपी में भाजपा शानदार प्रदर्शन कर रही है। लेकिन राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव की राय इससे अलग है। यूपी को लेकर उन्होंने अपने अनुमानों में कई बार फेरबदल किया है। 
Political Analyst Yogendra Yadav says – BJP can reach up to 40 seats in UP - Satya Hindi
योगेंद्र यादव
उत्तर प्रदेश में जब चार चरणों में 39 सीटों का चुनाव पूरा हो गया तो योगेंद्र यादव ने बताया था कि भाजपा की हालत पतली है। यूपी तक जो आजतक चैनल का ही हिस्सा है, उस पर यादव ने उस समय कहा था कि भाजपा को 15 से 20 सीटों का नुकसान हो सकता है। जनता मोदी को लेकर उदासीन है। जबकि इससे पहले लोग मोदी पर बातचीत में उत्साह दिखाते थे।  उन्होंने कहा कि यूपी में मोदी से ज्यादा योगी आदित्यनाथ लोकप्रिय हैं।
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यूपी में भाजपा की सीटें और कम हो सकती हैं

छह चरणों के मतदान के बाद योगेंद्र यादव ने यूपी को लेकर अपने आकलन में बदलाव किया है। एबीपी न्यूज पर उन्होंने बुधवार 29 मई को कहा कि एक हजार किलोमीटर घूमने के बाद मैं कह सकता हूं कि यूपी में इस बार भाजपा का वोट खिसक रहा है। इस बार भाजपा की लीड घटकर पांच से छह फीसदी हो जाएगी। योगेंद्र यादव ने कहा कि इसका अर्थ यह है कि भाजपा 50 से 52 सीटों से ज्यादा नहीं पा सकेगी। अगर भाजपा के वोटिंग फीसद में कमी आई तो यूपी में सीटों की संख्या 40 तक रह जाएगी। 
मतदाता से बातचीत ही एकमात्र जरिया है, जिसके जरिए आप पता लगा सकते हैं कि माहौल क्या है। योगेंद्र यादव ने भी यही शैली अपनाई। लेकिन उन्होंने उन लोगों से बात की जो इस चुनाव से पहले भाजपा को वोट दे चुके थे या मोदी भक्त थे। योगेंद्र यादव से ऐसे जितने लोगों से बात की, उन्होंने खुलकर नाराजगी जताई और कहा कि वो कांग्रेस और सपा को वोट देंगे।
योगेंद्र यादव ने एबीपी पर कहा कि पिछले चुनाव में सपा-बसपा के मुकाबले यूपी में भाजपा की लीड 13 फीसदी थी। लेकिन भाजपा की लीड पांच से छह फीसदी रह जाएगी। यहां भाजपा को 50 से 40 सीटों के बीच खड़ा कर रहा है। बता दें कि 2019 के आम चुनाव में यूपी में सपा-बसपा ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था। जिसमें बसपा 10 सीटों पर और सपा पांच सीटों पर जीती थी। 2019 के चुनाव में सपा का वोट तो बसपा को ट्रांसफर हो गया था लेकिन बसपा का वोट सपा को ट्रांसफर नहीं हुआ, इससे सपा की सीटों पर असर पड़ा। इस बार यानी 2024 के आम चुनाव में यूपी में कांग्रेस और सपा का समझौता है। जिस तरह से इंडिया गठबंधन की रैलियों को सफलता मिली है, उससे कहा जा रहा है कि इंडिया के लिए यूपी से संकेत अच्छे हैं। 
योगेंद्र यादव ने एबीपी न्यूज पर यह भी कहा कि सपा और कांग्रेस का गठबंधन वैसे तो कमजोर है लेकिन इनके गठबंधन से फायदा यह हुआ कि दलित और मुस्लिम वोट इस गठबंधन की तरफ चले आए हैं। यानी यादव के कहने का अर्थ यह है कि मुस्लिम-दलित गठजोड़ भाजपा पर भारी पड़ रहा है। हालांकि भाजपा ने बड़े पैमाने पर ओबीसी प्रत्याशी उतारे हैं और छोटे क्षेत्रीय दलों से समझौता भी किया है लेकिन दलित उनके चक्कर में नहीं पड़ा। यहां यह बताना जरूरी है कि योगेंद्र यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सिविल सोसाइटी की ओर से शामिल हुए थे। वे किसान आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं।

प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी पर विवाद

प्रशांत किशोर खुद को राजनीतिक रणनीतिकार और चुनावी भविष्यवक्ता कहते हैं। नोएडा मीडिया और चंद हिन्दी अखबार उन्हें बहुत ज्यादा बढ़ाचढ़ा कर पेश करते हैं। प्रशांत किशोर ने हाल ही में भाजपा को 300 सीटें मिलने की भविष्यवाणी कर दी थी और कहा था कि कांग्रेस सौ सीट पाने के लिए संघर्ष करेगी। प्रशांत किशोर की इस भविष्यवाणी को कथित राष्ट्रीय मीडिया ने बहुत जबरदस्त कवरेज दिया। लेकिन प्रशांत किशोर को उस समय लेने के देने पड़ गए, जब उन्हें वरिष्ठ पत्रकार करण थापर ने इंटरव्यू किया और प्रशांत किशोर को बताया कि वो किस कदर झूठे हैं।
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वरिष्ठ पत्रकार करण थापर ने अपने इंटरव्यू में प्रशांत किशोर को याद दिलाया कि कैसे उन्होंने हिमाचल में कांग्रेस के हारने की भविष्यवाणी की थी। कैसे उन्होंने तेलंगाना में कांग्रेस के हारने और बीआरएस के जीतने की भविष्यवाणी की थी। लेकिन दोनों जगह कांग्रेस जीती। इस पर प्रशांत किशोर ने खूब शोर मचाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि करण थापर उन्हें ऐसा कोई वीडिया बयान उपलब्ध कराएं। लेकिन करण थापर ने उन्हें उनके ट्वीट याद दिलाए। वो ट्वीट करण थापर ने स्क्रीन पर भी दिखाए लेकिन खिसियाए प्रशांत किशोर उस सच को स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए और बार-बार वीडियो बयान की रट लगाने लगे। 
Political Analyst Yogendra Yadav says – BJP can reach up to 40 seats in UP - Satya Hindi
प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने हर राजनीतिक दल का नमक खाया है। उनकी शुरुआत जेडीयू में नीतीश कुमार ने कराई थी। नीतीश कुमार सीएम बने तो मीडिया में ऐसा प्रदर्शित किया गया कि यह सब प्रशांत किशोर की वजह से संभव हुआ। यही उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ किया। कांग्रेस में प्रशांत किशोर आए। उन्होंने आंध्र के सीएम जगन रेड्डी को भी पटा लिया था। उन्होंने आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल से भी संपर्क साधा। बीच में उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी भी लॉन्च की और बिहार में घूमे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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