क्या उत्तर प्रदेश में अब मॉब लिन्चिंग की वारदात कभी नहीं होगी? क्या यहाँ अख़लाक और तबरेज़ हत्या जैसे कांड नहीं होंगे? क्या उत्तेजित भीड़ किसी को पीट-पीट कर माल डालने की हिम्मत नहीं कर सकेगी? ये सवाल लाज़िमी इसलिए हैं कि उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने मॉब लिन्चिंग रोकने से जुड़े क़ानून रोकने की सिफ़ारिश राज्य सरकार को की है। यह अब सरकार पर निर्भर करता है कि वह क्या करती है। यह सवाल अहम इसलिए भी है कि योगी आदित्यनाथ सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि वह इस क़ानून के ज़रिए उन्हीं लोगों को निशाने पर ले सकती है, जिनकी सुरक्षा के लिए क़ानून बनाने की बात हो रही है।