लोकसभा चुनाव बीतते ही बीजेपी ने ढाई साल बाद होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए गणित सेट करनी शुरू कर दी है। लगातार कई चुनावों में आजमाए नुस्खों पर ही काम करते हुए बीजेपी यूपी में पिछड़ों के सहारे ही आगे बढ़ती रहेगी। ख़ास बात यह है कि पिछड़ों में भी बीजेपी अब अन्य जातीय दलों या उधार के नहीं बल्कि अपने खांटी नेताओं के दम पर ही आगे बढ़ेगी।