क्या उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के प्रचार अभियान के दौरान ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने मन बना लिया था कि चुनाव ख़त्म होते ही गठबंधन तोड़ना है? सूत्रों के अनुसार, सात चरणों में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनावों का तीसरा चरण ख़त्म होने तक मायावती को पता लगने लगा था कि पश्चिम को छोड़ कहीं भी गठबंधन की केमिस्ट्री ज़मीन पर उतर नहीं रही है। बसपा के जोनल को-ऑर्डिनेटरों से मिल रहे फ़ीडबैक के आधार पर मायावती ने मान लिया था कि ग़ैर-यादव पिछड़ी जातियाँ ही नहीं, बल्कि कई जगहों पर यादव वोटों में भी बीजेपी सेंध लगा चुकी है।