बनारस के कोइरीपुर गाँव में मुसहर जाति के लोग लॉकडाउन के दौरान खाने को दाना न होने के चलते घास खाकर गुज़ारा कर रहे हैं। खेतों से चूहा पकड़कर खाने के लिए जाने जाने वाले मुसहरों के पास कोई काम नहीं और अब भूखे रहने का संकट है। इस सच को उजागर करने वाले बनारस के पत्रकार विजय विनीत को सरकार के ग़ुस्से का शिकार होना पड़ा है। पत्रकार को ज़िलाधिकारी बनारस कौशलराज शर्मा ने नोटिस भेज कर इस ख़बर का खंडन छापने को कहा है और वह भी उसी प्रमुखता के साथ। बनारस व लखनऊ के प्रकाशित अख़बार ‘जनसंदेश टाइम्स’ के प्रधान संपादक सुभाष राय को भी नोटिस भेजा गया है।
लॉकडाउन: भूख से घास खाने की नौबत, ख़बर छापी तो पत्रकार पर कार्रवाई
- उत्तर प्रदेश
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- 27 Mar, 2020

देश भर में लॉकडाउन के बीच बनारस के एक गाँव में भूख के कारण घास खाने की ख़बर प्रकाशित करने पर ज़िला प्रशासन ने नोटिस दे दिया है।
ख़बर छपने के बाद ज़िलाधिकारी ने एक एडीएम स्तर के अधिकारी से जाँच करवाई और घास खाने की ख़बर को झूठा क़रार दिया। ज़िलाधिकारी ने घास को पौष्टिक आहार बता दिया और कहा कि इसे खाना ठीक है। ज़िलाधिकारी के इस नोटिस के बाद पत्रकार संगठनों व राजनैतिक दलों ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए विजय विनीत के उत्पीड़न को चिंताजनक बताया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए नोटिस वापस लेने और मुसहरों के लिए कुछ ठोस करने को कहा है।