loader

गोरखपुर: 'चोटों के कारण कोमा' से हुई मौत- पोस्टमार्टम रिपोर्ट

गोरखपुर पुलिस की कथित पिटाई के बाद कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इसमें मौत की वजह 'चोटों के कारण कोमा' यानी चोट लगने के कारण लंबे समय तक अचेतन अवस्था बताई गई है। गोरखपुर के एक होटल में पुलिस छापे के बाद मनीष की मौत हो गई थी। परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की थी। 

पूरे देश को झकझोर देने वाली इस घटना पर मृतक के परिवार और दूसरे लोगों के ग़ुस्से के दबाव में पहले छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया और बाद में हत्या का केस दर्ज किया गया। अभी भी ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि परिजनों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे मुक़दमा न करें। हालाँकि परिजन न्याय के लिए अड़े हुए हैं। 

ताज़ा ख़बरें

मनीष गुप्ता की मौत के क़रीब 15 घंटे बाद मंगलवार को डॉक्टरों के एक पैनल ने पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनके शरीर पर विभिन्न चोटों के निशान दर्ज हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके सिर के बीच में सूजन, कोहनी के जोड़ के ऊपर एक कट और ऊपरी होंठ पर चोटें भी पाई गई हैं। 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मनीष गुप्ता के सिर के बीच में 5x4 सेंटीमीटर की चोट घातक साबित हुई। उनके दाहिने हाथ पर डंडे के मारे जाने के निशान भी मिले हैं और गुप्ता की बायीं पलक पर चोट के निशान हैं। 

kanpur businessman manish gupta postmortem report - Satya Hindi
पोस्टमार्टम रिपोर्ट की तसवीर।

बता दें कि इस मामले में मनीष की पत्‍नी मीनाक्षी गुप्‍ता और पिता नंद किशोर गुप्‍ता ने पुलिस पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि रात में मनीष ने उन्‍हें फोन कर कहा था कि होटल के कमरे में पहुँची पुलिस ने उन्हें पीटा है, जिससे वे घायल हो गए हैं। गुप्ता के परिवार ने कहा कि कथित हमले के बाद पुलिस ने उन्हें अस्पताल ले जाने में भी देरी की।

कानपुर के एक प्रॉपर्टी ब्रोकर 36 वर्षीय मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ चौथे सहयोगी से मिलने गोरखपुर गए थे। एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के नेतृत्व में गोरखपुर के छह पुलिस वाले कथित तौर पर आधी रात को उनके होटल के कमरे में घुस गए थे।

हालाँकि घटना के बाद पुलिस ने एक बयान में कहा था कि 'पुलिस  होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई। जहाँ पर हड़बड़ाहट में एक युवक की कमरे में गिरने से चोट लग गई। दुर्घटनावश हुई इस घटना से होटल मैनेजर को साथ लेकर युवक को अस्पताल में भर्ती कराया। बीआरडी में इलाज के दौरान उस युवक की मृत्यु हो गई। पुलिस ने तत्काल परिजनों को सूचित किया।'

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

इस मामले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। उसमें दिख रहा है कि उच्चाधिकारी कथित तौर पर मनीष गुप्ता के परिवार को मुक़दमा लड़ने से हतोत्साहित कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि कथित तौर पर ज़िला मजिस्ट्रेट परिवार को बता रहे हैं कि एक अदालती मामले में सालों लग जाएंगे। वे कह रहे हैं कि 'मैं आपसे एक बड़े भाई की तरह अनुरोध कर रहा हूँ। आप विश्वास नहीं करेंगे, एक अदालती मामले में सालों लग जाते हैं।'

पुलिस प्रमुख टाडा भी बोलते हुए दिखते हैं, 'उनकी (पुलिस) की कोई पुरानी दुश्मनी नहीं थी। वे वर्दी में गए थे और इसलिए मैं आपको सुबह से सुन रहा हूँ। आपने उन्हें निलंबित करने के लिए कहा और मैंने वह किया। क्लीन चिट मिलने तक उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा।' वीडियो रिकॉर्ड कर रही एक महिला की आवाज़ आती है, 'मुझे नौकरी उनकी नहीं चाहिए, भैया। उनको पूरी तरह से नौकरी से हटाइए। या तो मुझे जान के बदले जान चाहिए।' इस बीच दोनों अधिकारी महिला को रिकॉर्डिंग करने से रोकते हैं। इस मामले में दोनों अधिकारियों की सफ़ाई नहीं आई है। 

शुरुआत में पुलिस कार्रवाई करने से बचती हुई नज़र आई थी लेकिन देश भर में ग़ुस्से और दबाव पड़ने के बाद पुलिस ने कुछ कार्रवाई की। मंगलवार को छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया और फिर बाद में बुधवार को उनमें से 4 के ख़िलाफ़ हत्या का केस दर्ज किया गया है। मृतक की पत्नी मीनाक्षी ने और सख़्त कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए धरने पर बैठने की चेतावनी दी है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें