उत्तर प्रदेश में लगातार अंधेरगर्दी हो रही है। पहले योगी सरकार ने हाथरस की पीड़िता के गांव को किला बना दिया, मीडिया-राजनीतिक दलों के लोग पीड़िता के परिवार तक न पहुंच पाएं, इसके लिए हज़ार तिकड़में कीं और फिर गांव में धारा 144 लगा दी।
हाथरस: पूर्व बीजेपी विधायक के घर पर सवर्णों की बैठक, दूसरे दलों के नेताओं पर लाठीचार्ज
- उत्तर प्रदेश
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- सत्य ब्यूरो
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- 4 Oct, 2020

शायद उसका यह रवैया जारी रहता लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट के मामले का संज्ञान लेने और चौतरफा छीछालेदार होने के बाद उसे मीडिया और नेताओं को पीड़िता के घरवालों से मिलने की इजाजत देनी पड़ी। धारा 144 लागू होने के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को मिलने की अनुमति है और इसमें कुछ ग़लत भी नहीं है।
लेकिन ग़लत तब है जब रविवार को योगी की पुलिस ने ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। यह लाठीचार्ज उस वक्त हुआ, जब पूर्व सांसद और देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। अचानक हुए इस लाठीचार्ज से लोग सकपका गए। महिला पत्रकार इधर-उधर भागीं और जयंत को उनके कार्यकर्ताओं ने घेर लिया, वरना वह बुरी तरह चोटिल होते।
दलितों के साथ हाथरस में हो रहे अत्याचार व अन्याय के खिलाफ जमीन पर खड़े होने वाले हर सख्स को औकात बताई जा रही है। ऐसा कभी नहीं देखा। अब आरएलडी नेता @jayantrld जी, पर हाथरस पीड़ित परिवार से मिलने जाने पर जमकर लाठीचार्ज किया गया है। ये बेहद ही शर्मनाक व दुखद हैं। #JusticeForDalits pic.twitter.com/tecSfUSTuE
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) October 4, 2020