हाथरस मामले में योगी सरकार पहले दिन से ये स्टैंड लेकर बैठी है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ और इसे सही साबित करने के लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार दिखती है। जो लोग इसमें रूकावट बनते हैं, उन पर वह कार्रवाई कर रही है।
हाथरस: फ़ॉरेंसिक रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले डॉक्टर की छुट्टी क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 21 Oct, 2020
हाथरस मामले में योगी सरकार पहले दिन से ये स्टैंड लेकर बैठी है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ और इसे सही साबित करने के लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार दिखती है।

पीड़िता की मौत के बाद आई सरकारी मेडिकल रिपोर्ट में उसके शरीर पर आई गंभीर चोटों का जिक्र नहीं किया गया था। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार को सिरे से नकार दिया था, सिर्फ मारपीट की बात कही थी और पहले उन्ही धाराओं में मुक़दमा भी दर्ज किया गया था। लेकिन 8 दिन बाद उसने गैंगरेप की धारा जोड़ी।
जबकि पीड़िता के परिजनों की ओर से लगातार यह कहा जा रहा है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ, अभियुक्तों द्वारा जमकर पीटा गया, उसकी गर्दन तोड़ी गयी और उसकी कमर की हड्डी में भी चोट थी। चोट की बात को पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर्स ने भी स्वीकार किया था।