राजनीतिक विरोधियों को कुचलने और सरकार की आलोचना करने वालों का मुँह बंद करने वालों को यूएपीए, एफ़सीआरए और इस तरह के दूसरे क़ानूनों में फंसाने के सरकार के रवैए की आलोचना अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने लगी है। इससे भारत की छवि तो खराब हो ही रही है, संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठन भी भारत की आलोचना करने लगे हैं।