बीते मंगलवार को जब नए विश्वविद्यालय की स्थापना को बगल के अलीगढ़ में आए प्रधानमंत्री अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन का गुणगान करते अघाते नहीं थे, ठीक उसी दिन फ़िरोज़ाबाद में भयावह डेंगू और रहस्य्मयी बुखार की चपेट में आयी 11 साल की वैष्णवी की मौत हो गई थी। उसकी किशोर बहन इलाज के अभाव में हुई वैष्णवी की मौत के लिए लिए ज़िम्मेदार डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर आगरा मण्डल के कमिश्नर की कार के सामने लेटी हुई थी। मीडिया मोदी के दावों को भी दिखा रहा था और कमिश्नर की कार के नीचे लेटी लड़की को भी।
फ़िरोज़ाबाद में डेंगू का क़हर और सोती योगी सरकार!
- उत्तर प्रदेश
- |
- अनिल शुक्ल
- |
- 17 Sep, 2021


अनिल शुक्ल
फ़िरोज़ाबाद में आख़िर बड़ी संख्या में मौतें क्यों हो रही हैं? प्रतिदिन भाँति-भाँति की सरकारी घोषणाएँ होने के बावजूद स्थिति नियंत्रण से लगातार बाहर होती जा रही हैं। ज़रूरत अनेक क्रान्तिकारी क़दमों को उठाने की है लेकिन राज्य सरकार क्या ऐसा कर रही है?
प्रदेश सरकार की वाहवाही में दिए गए पीएम के वक्तव्य वाले दिन ही फ़िरोज़ाबाद सहित समूचे ब्रज क्षेत्र में डेंगू और रहस्य्मयी बुखार से 14 लोगों की मौत हुई थी। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल थे। शर्मनाक बात यह है कि मौतों का यह सिलसिला बीते 1 महीने से ज़्यादा समय से चल रहा है लेकिन उसे रोक पाने में योगी सरकार पूरी तरह से अक्षम साबित हुई है। न सिर्फ़ फ़िरोज़ाबाद बल्कि अब तो इस बीमारी का संक्रमण निकटवर्ती आगरा, मथुरा, एटा और कासगंज आदि ज़िलों में भी तेज़ी से फैल रहा है।