पुलवामा हमले और बालाकोट में हवाई हमले के बाद की परिस्थितियों ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में अपनी रणनीति बदलने को मजबूर कर दिया है। कांग्रेस फ़िलहाल उत्तर प्रदेश में बीजेपी विरोधी मतों का बँटवारा रोकने की नीति पर चलेगी और गठबंधन के रास्ते में रोड़े नहीं अटकाएगी। इसी के तहत सपा से अलग होकर नयी पार्टी बना चुके शिवपाल यादव के साथ कांग्रेस के तालमेल की कवायद पर लगाम लग गई है। नये हालात में कांग्रेस को भी गठबंधन में एक बार फिर लाने की कोशिशें हुईं पर बात परवान नहीं चढ़ सकी। फ़िलहाल कांग्रेस ने अखिलेश यादव को और ज़्यादा नाराज़ न करते हुए शिवपाल से सीटों का समझौता करने की अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।