34 यात्रियों से भरी प्राइवेट बस को देर रात आगरा से अपहृत करके अज्ञात स्थान पर रखने और 15 घंटे बाद अपहरणकर्ताओं द्वारा इटावा के एक ढाबे के सामने छोड़ कर चले जाने की कहानी लोगों के गले नहीं उतर रही है। आगरा पुलिस की शुरुआती ब्रीफ़िंग में बताया गया था कि किस्तें जमा न करने की एवज़ में बस को फ़ाइनेंस करने वाली संबद्ध कंपनी ने ज़ब्त कर लिया था लेकिन 'कंपनी' का कहना है कि उनका एकाउंट 2 साल पहले ही 'सेटल' हो गया था।