मुश्किल में फँसी महिलाओं को राहत देने की ख़ातिर 4 साल पहले शुरू की गई '181 महिला हेल्पलाइन' में काम करने वाली महिलाएँ ख़ुद आफ़त में हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने विगत जून से बिना कोई कारण बताए उक्त 'हेल्प लाइन' को तो भंग कर ही दिया है साथ ही इन लाचार महिलाओं को बीते 1 साल से वेतन की फूटी कौड़ी भी नहीं दी है। अपने बच्चों को भूख से बिलखता देख इन मुसीबतज़दा औरतों में एक ने महीना भर पहले रेल से कट कर आत्महत्या कर ली है, बाक़ी आमरण अनशन की तैयारियाँ कर रही हैं। ये परेशान हाल औरतें प्रदेश की राजधानी के 'ईको गार्डन' में सप्ताह भर से धरने पर बैठी हैं। शासन ने उन्हें धमकाने के लिये चारों तरफ़ हथियारबंद पुलिस का पहरा लगा दिया है।
महिलाओं के प्रति इतनी निष्ठुर क्यों है योगी सरकार?
- उत्तर प्रदेश
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- 23 Aug, 2020

प्रदेश भर से बारी-बारी से राजधानी पहुँच कर धरना देने वाली '181 महिला हेल्पलाइन' की महिलाओं को हर दिन एक तरफ़ आश्वासन की घुट्टी पिलाने के लिए 'महिला कल्याण विभाग' के कनिष्ठ अधिकारी पहुँच रहे हैं तो दूसरी तरफ़ हथियारबंद पुलिस की घेराबंदी करके इन्हें आतंकित किया जा रहा है। 'हेल्प लाइन' की टीम लीडर साधना यादव कहती हैं ‘ईको गार्डन के भीतर रूटीन में आने-जाने वाले चाय वेंडरों को भी ये पुलिस वाले रोक देते हैं।