पहली कड़ी - योगी से निपटने का क्या कोई ‘मास्टर प्लान’ मोदी के पास है?
मोदी-योगी में खटपट के बाद बसपा अचानक बड़ी खिलाड़ी कैसे बन गई?
- उत्तर प्रदेश
- |
- रविकान्त
- |
- 3 Aug, 2021


रविकान्त
यूपी में योगी आदित्यनाथ की चुनौती ने नरेंद्र मोदी के सामने एक नई मुसीबत पैदा कर दी है। अरविंद शर्मा के मार्फत मोदी योगी की घेराबंदी करना चाहते थे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। तो अब क्या योगी से निपटने का क्या कोई ‘मास्टर प्लान’ मोदी के पास है? इसी पर दूसरी कड़ी में पढ़िए, मायावती की बसपा यूपी में कैसे बड़ी खिलाड़ी बनकर उभरी है।
पिछले दो दशक में नरेंद्र मोदी देश की सियासत में सबसे मज़बूत खिलाड़ी साबित हुए हैं। गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री और फिर सीधे देश की गद्दी हासिल करने वाले नरेंद्र मोदी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद पिछले लोकसभा चुनाव से भी बड़ी जीत हासिल की। अपनी कार्यशैली और नीतियों के कारण मोदी की बहुत तीखी आलोचना होती रही है। फिर भी सत्ता पर उनकी पकड़ कभी ढीली नहीं हुई। कारपोरेट मीडिया के सहारे वे अपनी छवि को निरंतर चमकाते रहे। पार्टी पर भी उन्होंने वर्चस्व कायम कर लिया। नरेंद्र मोदी और बीजेपी लगभग पर्याय बन गए। लेकिन पिछले छह महीने से योगी आदित्यनाथ लगातार नरेंद्र मोदी को शह दे रहे हैं। तमाम प्रयास के बावजूद मोदी योगी को हटाने या कमजोर करने में नाकाम रहे हैं।
तब क्या यह मान लिया जाए कि बीजेपी में अब नरेंद्र मोदी का वर्चस्व टूट रहा है? मोदी यह भी जान चुके हैं कि योगी को सीधे घेरकर चित्त करना आसान नहीं है। अरविंद शर्मा के मार्फत योगी की घेराबंदी करने में नाकाम रहे नरेंद्र मोदी कहीं अब प्लान-बी की तैयारी तो नहीं कर रहे हैं? शतरंज की इस बिसात पर तिरछी मार करने वाला ऊँट को आगे किया जा सकता है। मोदी द्वारा खेली जाने वाली इस बाजी में ऊँट की जगह 'हाथी' ले सकता है!
रविकान्त
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।
No stories available