समाजवादी पार्टी को अब अगले विधानसभा में बीजेपी के लिए असली चुनौती के रूप में देखा जाने लगा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सभाओं में जिस तरह बेशुमार भीड़ जुटी उसके आधार पर कहा जाने लगा है कि चुनावी रेस में समाजवादी पार्टी अब बहुजन समाज पार्टी से काफ़ी आगे निकल गयी है। कांग्रेस तो पहले से ही हाशिये पर पहुँच चुकी है। बहुजन समाज पार्टी के कई प्रमुख नेता जिस तरह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए उसे देख कर भी अनुमान लगाया जा रहा है कि हवा का रूख समाजवादी पार्टी (सपा) की तरफ़ मुड़ चुका है।
यूपी चुनाव- क्या अखिलेश योगी को पटकनी दे पायेंगे?
- उत्तर प्रदेश
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- 1 Dec, 2021

समाजवादी पार्टी की कोशिश यादव, मुसलिम, जाट और अति पिछड़ों का एक गठबंधन तैयार करने की है। सपा और बहुजन समाज पार्टी दोनों ने ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की। लेकिन इसमें किसी को भी बड़ी सफलता मिलती दिखाई नहीं देती।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दबदबा रखने वाले लोक दल और पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो तीन छोटे दलों ने बड़ी जल्दीबाज़ी में सपा के साथ चुनावी गठबंधन की घोषणा कर दी। इससे भी संदेश निकला कि फ़िलहाल सपा ही बीजेपी को चुनौती देने की स्थिति में है। कोरोना काल के संकट और महँगाई को देखें तो माहौल सपा के पक्ष में बनता हुआ दिखाई दे रहा है। लेकिन ग़ौर करने की बात ये है कि चुनाव में अभी क़रीब तीन महीने बाक़ी हैं और बीजेपी ने अब तक सारे पत्ते नहीं खोले हैं।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक