उत्तर प्रदेश में चुनाव आयोग की वेबसाइट को कथित तौर पर हैक किए जाने की ख़बरों पर सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा है कि ऐसे घपलों के लिए पूरे राज्य में जाँच होनी चाहिए। उन्होंने आशंका जताई है कि कहीं इसे सरकार से संरक्षण प्राप्त तो नहीं है।
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया उस ख़बर पर आई है जिसमें अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट को हैक करने और सैकड़ों फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने के आरोप में 24 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है। बीसीए की डिग्री रखने वाले आरोपी विपुल सैनी को दो दिन पहले सहारनपुर ज़िले से गिरफ्तार किया गया। इसी को लेकर अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है।
उप्र चुनाव आयोग की वेबसाइट में एक नवयुवक द्वारा ‘डिजिटल सेंधमारी’ करके नक़ली वोटर आईडी कार्ड बनाए जाने की ख़बर बेहद गंभीर है। ऐसे घपलों के लिए पूरे राज्य में जाँच हो, पता तो चले कहीं इसे राज्याश्रय तो प्राप्त नहीं है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 13, 2021
ये चुनाव आयोग की सुरक्षा ही नहीं बल्कि गरिमा का भी सवाल है।
आरोपी विपुल सैनी को 11 अगस्त को सहारनपुर साइबर सेल ने गिरफ्तार किया था। 12 अगस्त को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। आज चुनाव आयोग की एक टीम जाँच करने के लिए सहारनपुर पहुँची।
फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए जाने के इस मामले की प्रारंभिक जाँच के दौरान पुलिस ने पाया है कि सैनी ने मध्य प्रदेश के अरमान मलिक नाम के एक व्यक्ति के इशारे पर काम किया और तीन महीनों में 10,000 से अधिक फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाए।
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस चन्नप्पा ने पीटीआई को बताया कि सैनी को प्रति आईडी 100-200 रुपये का भुगतान किया गया था और गिरफ्तारी के बाद जब उसके बैंक खाते की जाँच की गई तो पुलिस ने उसमें 60 लाख रुपये जमा पाए। पुलिस ने उसका लैपटॉप भी जब्त कर लिया है। खाते को तुरंत फ्रीज कर दिया गया।
पुलिस पैसे के स्रोत की जाँच कर रही है और मलिक के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने सैनी के घर से दो कंप्यूटर जब्त किए हैं।
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