केंद्रीय मंत्री अमित शाह के रविवार को हैदराबाद दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से मिलने की संभावना है। लोकल मीडिया का कहना है कि शाह रामोजी फिल्म सिटी में चंद्रबाबू से मिल सकते हैं।
तेलंगाना में राज्य चुनाव से पहले दोनों के बीच एक बैठक नए गठबंधन का संकेत दे सकती है। नायडू ने आम चुनाव (2019) से लगभग एक साल पहले 2018 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था। कई लोगों ने राज्य चुनावों में उनकी बाद की हार के लिए इस विभाजन को जिम्मेदार ठहराया था।
नायडू ने बीजेपी पर बजट में आंध्र प्रदेश की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। बाद में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराते हुए कहा, वह आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय के लिए जिम्मेदार हैं।
नायडू उस समय मुख्यमंत्री थे। उन्होंने विधानसभा में कहा था - मैंने स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के हितों के लिए निर्णय लिया। चार साल तक मैंने सभी प्रयास किए, 29 बार दिल्ली गया, कई बार पूछा। यह केंद्र का आखिरी बजट था और आंध्र प्रदेश का कोई उल्लेख नहीं था।
तेलंगाना में केसीआर की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बीजेपी हर कोशिश में जुटी हुई है। दरअसल, केसीआर से बीजेपी नाराज बहुत नाराज है। पीएम मोदी के तेलंगाना दौरे पर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने उनका तीन बार बहिष्कार किया। केसीआर ने पीएम पर कुछ टिप्पणियां भी कीं, जिन्हें बीजेपी ने पसंद नहीं किया। हालांकि इससे पहले पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से केसीआर के परिवारवाद पर हमला बोला था। तेलंगाना में बीजेपी को एक मजबूत पार्टनर की तलाश है। वहां पर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ठीकठाक स्थिति में है। इसलिए बीजेपी उनसे फिर से तालमेल की योजना बना रही है।
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