नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने से क्या देश का राजनीतिक समीकरण बदल सकता है और भाजपा की राह में काँटे बिछ सकते हैं? क्या इससे मोदी के लिये मुश्किलें खड़ी हो सकती है?
2024 का चुनाव क्या मोदी के लिये कोई चुनौती है भी?
- विश्लेषण
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- 22 Aug, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगाह 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की सीटें बढ़ाने और विपक्ष को ज्यादा से ज्यादा नीचे समेटने पर है। इसके लिए उन्होंने बिसात बिछा दी है। प्रधानमंत्री के रणनीतिकार और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में इस पर पूरा मंथन हो चुका है कि अब पार्टी का विस्तार कहां और कैसे करना है।
हक़ीक़त यह है कि नीतीश के मोदी के मुकाबले विपक्ष का चेहरा देखने के अति आशावाद के सामने अभी अनेक चुनौतियां हैं और अगर नीतीश कुमार को मोदी को चुनौती देनी है तो उन्हें उन तमाम उलझनों को सुलझाना होगा जो अब आने वाले दिनों में उनके सामने आने वाली हैं।
नीतीश कुमार इस दिशा में कितना आगे बढ़ेंगे ये समय बतायेगा लेकिन भाजपा और खुद प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के घटनाक्रम को हल्के में न लेते हुए इससे होने वाले संभावित सियासी नुकसान की भरपाई के इंतजाम शुरु कर दिए हैं।