ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है और पिछली बार मिलीं 4 सीटों के मुक़ाबले इस बार उसे 48 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर, तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस को ख़ासा नुक़सान हुआ है और पिछली बार मिलीं 99 सीटों के मुक़ाबले वह 56 पर आकर टिक गई है।
चुनाव प्रचार के दौरान ओवैसी पर लगातार हमले करने से बीजेपी का प्रदर्शन तो सुधरा है लेकिन इससे ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम यानी मजलिस की सियासी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है और वह पिछली बार के ही बराबर 44 सीटें लाई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफ़ा
कांग्रेस को सिर्फ़ 2 सीटों पर जीत मिली है और इसके बाद उसके प्रदेश अध्यक्ष उत्तम कुमार रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। कांग्रेस को पिछली बार भी 2 ही सीटें मिली थीं। कुछ साल पहले तक अविभाजित आंध्र प्रदेश में सरकार चला चुकी टीडीपी को पिछली बार एक सीट मिली थी लेकिन इस बार उसका खाता भी नहीं खुला है।
बीजेपी ने प्रचार में झोंकी ताक़त
बीजेपी ने इस चुनाव को राष्ट्रीय स्तर का बना दिया था। पार्टी ने अपने तमाम बड़े नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की भी कोई कोशिश बाक़ी नहीं छोड़ी। माना जा रहा है कि यह चुनाव 2023 में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव का सेमीफ़ाइनल हैं और बीजेपी की नज़र मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।
7 हज़ार करोड़ के बजट वाले ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में 150 वार्ड हैं। 2016 के निगम चुनाव में एआईएमआईएम को 44 सीटें मिली थीं जबकि टीआरएस को 99।
बीजेपी की कोशिश तेलंगाना में कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेलकर टीआरएस से सीधा मुक़ाबला करने की है। इसलिए, इस बार उसने अमित शाह, जेपी नड्डा, भूपेंद्र यादव, प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी से लेकर कई बड़े नेताओं को प्रचार में उतारा।
‘पुराने हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक’
तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष और सांसद बांडी संजय कुमार ने प्रचार के दौरान कहा था कि अगर बीजेपी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में जीत जाती है तो उनकी पार्टी पुराने हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक करेगी जिससे यहां अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानियों को बाहर निकाला जा सके। संजय कुमार ने कहा कि बीजेपी हिंदुओं की एकता के लिए खड़ी रहेगी। संजय कुमार इससे पहले कई बार समुदाय विशेष के लोगों के ख़िलाफ़ उल-जुलूल बयान दे चुके हैं।दक्षिण में विस्तार में जुटी बीजेपी
तेलंगाना में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन उसे आंध्र प्रदेश में भी मजबूती देगा। वैसे भी अमित शाह, इन दिनों दक्षिण में पार्टी को मजबूत करने के काम में जुटे हुए हैं। हाल ही में वह तमिलनाडु का दौरा करके लौटे हैं और केरल और पुडुचेरी के चुनाव पर भी उनकी नज़र है। इन तीनों ही राज्यों में 6 महीने के भीतर चुनाव होने हैं।दुब्बका ने बदले समीकरण
करीब तीन महीने पहले यही माना जा रहा था कि टीआरएस आसानी से दुबारा नगर निगम पर अपना परचम लहराएगी। लेकिन हाल ही में दुब्बका विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत ने समीकरण बदल दिए। टीआरएस के मुखिया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव (केसीआर) के गृह जिले में विधानसभा सीट जीतकर बीजेपी ने सभी को चौंका दिया। इस जीत ने न सिर्फ बीजेपी नेताओं का उत्साह बढ़ाया बल्कि कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा। गौर करने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस और टीडीपी इस चुनाव में बेअसर दिखीं। अलग-अलग समय में दोनों पार्टियों को नगर निगम में बहुमत हासिल था। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी इन्हें दो और एक से ज़्यादा सीटें न मिलने का अनुमान है।बीजेपी के कई नेता अब यह खुलकर कहने लगे हैं कि दक्षिण में कर्नाटक के बाद तेलंगाना दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां उनकी अपनी सरकार होगी। सूत्र यह भी बताते हैं कि बीजेपी के रणनीतिकारों को भरोसा है कि नगर निगम के चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद टीआरएस और कांग्रेस के कई बड़े और प्रभावशाली नेता बीजेपी में शामिल होंगे।
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