देश भर के ब्राह्मण वोट बैंक पर दुबारा कब्जा करने और दक्षिण में कमज़ोर होते आधार को मजबूत करने के मक़सद से ही कांग्रेस नेतृत्व ने अचानक पूर्व प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव के प्रति अपना रवैया और दृष्टिकोण बदला है।