तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंडी संजय कुमार ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ नफरती बयानबाजी की है। बंडी संजय कुमार ने कहा है कि जब पूरी तरह राम राज्य आ जाएगा तो उर्दू भाषा को बैन कर दिया जाएगा। उन्होंने देश में हुए बम धमाकों के लिए मदरसों को जिम्मेदार ठहराया।
बंडी संजय कुमार इससे पहले भी तमाम तरह की बेसिर पैर की बातें करते रहे हैं।
बुधवार को तेलंगाना के करीमनगर में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए बंडी संजय कुमार ने कहा कि जहां भी मस्जिदों की खुदाई होगी, वहां शिवलिंग मिलेंगे।
बीजेपी नेता ने एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को चुनौती दी कि वह तेलंगाना की सारी मस्जिदों को खोदेंगे, अगर वहां से शव मिले तो उसे मुसलमान रख लें और अगर शिवलिंग मिलते हैं तो हिंदुओं को दे दें। उन्होंने ओवैसी से पूछा कि क्या वह इस चुनौती को स्वीकार करते हैं?
राज्य बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो लव जिहाद करने वालों पर लाठियां भांजी जाएंगी। उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म की तर्ज पर द रजाकार फाइल्स फिल्म भी बननी चाहिए।
संजय कुमार ने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनने पर अल्पसंख्यक आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा और इसका फायदा एससी और एसटी समुदाय के लोगों को दिया जाएगा।
अगले साल हैं चुनाव
बता दें कि तेलंगाना में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी वहां सत्ता हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी तेलंगाना में पार्टी को मजबूत करने के काम में जुटे हैं।
नगर निगम चुनाव के नतीजे
दिसंबर, 2020 में हुए ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के नतीजों से भी यह बात सामने आई थी कि तेलंगाना की राजनीति में टीआरएस के सामने बीजेपी बड़ी ताकत बनकर उभर रही है। क्योंकि कांग्रेस और तेलुगू देशम पार्टी का तेलंगाना में अब मजबूत आधार नहीं है और ऐसे में अगले चुनाव में टीआरएस और बीजेपी ही बड़े खिलाड़ी होंगे।
हैदराबाद और इसके आसपास की कुछ सीटों पर एआईएमआईएम का अच्छा असर है।
बंडी संजय कुमार ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव के दौरान कहा था कि अगर इस चुनाव में बीजेपी का मेयर बना तो उनकी पार्टी पुराने हैदराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक करेगी जिससे यहां कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और पाकिस्तानियों को बाहर निकाला जा सके।
ध्रुवीकरण की कोशिश
संजय कुमार के इस तरह के बयानों से यह साफ होता है कि बीजेपी तेलंगाना के विधानसभा चुनाव से पहले ध्रुवीकरण का माहौल बनाना चाहती है जिससे उसे राज्य की सियासत में फायदा हो सके।
बीजेपी असदुद्दीन ओवैसी को इसी रणनीति की वजह से निशाने पर लेती है और हैदराबाद का नाम बदल कर इसे भाग्यनगर किए जाने की मांग को भी उठाती है।
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