क्या देश के बड़े हिस्से में ज़मीन के अंदर पानी का स्तर इस तरह नीचे गिर चुका है कि पीने के लिए पानी वहाँ से नहीं निकाला जा सकता? क्या अब पानी भी प्राकृतिक रूप से सब जगह मिलने वाली चीज नहीं रहेगी, बल्कि तेल, दूध या कोयले की तरह उसे एक जगह से दूसरी जगह ट्रेन से भेजा जाएगा? यह भविष्य की भयावह तसवीर नहीं रही, सच्चाई बन चुकी है।