सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व सीएम पलानीस्वामी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगा दी है। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु में राजमार्ग विभाग में ठेके देने के मामले हुए कथित भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था। एडप्पादी के. पलानीस्वामी एआईएडीएमके नेता भी हैं।
चीफ जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने हाईकोर्ट से कहा कि वह पलानीस्वामी के खिलाफ इस मामले में पहले की टिप्पणियों या आदेशों से प्रभावित हुए बिना शिकायत पर फैसला करे।
मद्रास हाईकोर्ट ने पलानीस्वामी के खिलाफ डीएमके नेता आरएस भारती की याचिका पर अक्टूबर 2018 में टेंडर अनियमितताओं की उनकी शिकायत पर मामले को निष्पक्ष, उचित और पारदर्शी जांच के लिए सीबीआई को सौंपने का आदेश पारित किया था। पलानीस्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया जिस पर रोक लगा दी गई थी।
डीएमके नेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह सीबीआई जांच नहीं चाहते बल्कि निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। हाईकोर्ट को जांच कराने दें।
इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले के विवरण में जाए बिना, हम हाईकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि वह वहां प्रस्तुत रिपोर्टों पर गौर करे और रिपोर्ट की जांच के बाद एक उचित आदेश पारित करे।
भारती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पलानीस्वामी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों के स्वामित्व वाली कंपनियों को विभिन्न सड़क निर्माण परियोजनाएं आवंटित की हैं।
पलानीस्वामी ने तर्क दिया था कि हाईकोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किए बिना और अपना बचाव करने का अवसर प्रदान किए बिना गलत तरीके से आदेश पारित किया था।
डीएमके नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) को निर्देश देने की मांग की थी। डीवीएसी ने पलानीस्वामी को क्लीन चिट दे दी थी।
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