तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन (TANGEDCO) को घटिया कोयला बेचने का आरोप लगा है। तमिलनाडु सरकार ने सतर्कता और भ्रष्टाचार-रोधी निदेशालय (DVAC) को शुरुआती कार्रवाई का आदेश दिया है। दो महीने के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। अडानी समूह पर धोखाधड़ी से घटिया दर्जे के कोयले को सबसे अच्छा बताकर तीन गुणा ज्यादा कीमत पर बेचने का आरोप है।
मई 2024 में फाइनेंशियल टाइम्स और ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की एक जांच से पता चला कि जनवरी 2014 और 2015 के बीच कोयले के कम से कम दो दर्जन शिपमेंट तमिलनाडु तट पर पहुंचे। अक्टूबर 2014 की शुरुआत में इस घटिया दर्जे के कोयले की कीमत तय की गई थी। हालाँकि, अंततः उन्हें अडानी समूह ने मूल कीमत से तीन गुणा अधिक कीमत पर बेच दिया।
2018 में, चेन्नई स्थित भ्रष्टाचार-विरोधी समूह अरप्पोर इयक्कम ने तत्कालीन एआईएडीएमके सरकार के पास एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अडानी समूह ने 2012 और 2016 के बीच TANGEDCO से अधिक पैसा लिया और 6,066 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
अरप्पोर इयक्कम के संयोजक जयराम वेंकटेशन ने मीडिया को बताया था, “टैंजेडको को बेचे गए कोयले की गुणवत्ता 6,000 किलोकैलोरीज है। वहीं, पीटी झोनलिन ने अपने दस्तावेज़ों में 28 डॉलर में 3,500 कैलोरी वाले निम्न श्रेणी के कोयले का उल्लेख किया है। लेकिन जब यही कोयला अडानी समूह TANGEDCO को बेचता है, तो कीमत में वृद्धि के साथ कोयला अचानक 6,000 किलोकैलोरीज तक अपग्रेड हो जाता है। 2012-16 के बीच, 2.44 करोड़ मीट्रिक टन कोयले का आयात TANGEDCO ने किया था और इसमें से लगभग आधे की आपूर्ति अडानी समूह द्वारा की गई थी। पीटी झोनलिन इंडोनेशिया से कोयला भेजने वाली कंपनी है।
आरोप है कि टैंजेडको को आपूर्ति किए गए घटिया दर्जे के कोयले से प्रदूषण बढ़ा। क्योंकि इसका इस्तेमाल राज्य में थर्मल पावर प्लांटों में किया गया था। इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण टैंजेडको को 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। तमिलनाडु की जनता को इसका खामियाजा बिजली दरों में बढ़ोतरी के रूप में भुगतना पड़ा।
अपनी राय बतायें