तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक बार फिर केंद्र से आग्रह किया है कि राज्य को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट यानी राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा से छूट दी जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रणाली को खत्म किया जाए। राज्य के लिए नीट से छूट के संबंध में स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस बीच स्टालिन ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्रियों को अलग-अलग पत्र लिखा है। इसमें स्टालिन ने उनसे अनुरोध किया कि वे नीट को ख़त्म करने के लिए अपनी-अपनी विधानसभाओं में एक समान प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे ख़त में मुख्यमंत्री ने कहा है कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए चयन प्रक्रिया केवल 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर होनी चाहिए, न कि एक अलग प्रवेश परीक्षा के माध्यम से। उन्होंने कहा है कि यह छात्रों पर एक ग़ैरज़रूरी अतिरिक्त तनाव है।
स्टालिन ने पत्र में कहा है, 'इस संबंध में हमने तमिलनाडु को नीट से छूट देने और 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर मेडिकल प्रवेश देने के लिए अपनी विधानसभा में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था। इसे राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी भी मंजूरी नहीं मिली है।'
स्टालिन ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी पत्र लिखकर तमिलनाडु की नीट छूट की मांग पर उनका समर्थन मांगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि हाल ही में नीट परीक्षा के दौरान हुई अनियमितताओं ने राज्य के इस विरोध को सही ठहराया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा, 'कई अन्य राज्यों ने भी इस चयन प्रक्रिया को ख़त्म करने की ज़रूरत पर अपने विचार व्यक्त करना शुरू कर दिया है।'
मुख्यमंत्रियों को ख़त- विधानसभा में प्रस्ताव पास करें
स्टालिन ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा, 'इस मुद्दे की महत्ता और गंभीरता को देखते हुए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपने राज्य विधानसभा में भी इसी तरह का प्रस्ताव पारित करने पर विचार करें, ताकि केंद्र सरकार से हमारे राज्यों के छात्रों के हित में नीट परीक्षा समाप्त करने का आग्रह किया जा सके।'
स्टालिन ने राहुल को लिखे पत्र में कहा, 'एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षा में अनियमितताओं की हालिया रिपोर्टों ने देश में मेडिकल पाठ्यक्रमों के कई मेहनती उम्मीदवारों के सपनों को चकनाचूर कर दिया है। यह प्रणाली ग्रामीण गरीब युवाओं को मेडिकल स्नातक बनने के सपने को पूरा करने से भी वंचित कर रही है।' उन्होंने बताया कि तमिलनाडु विधानसभा ने केंद्र से नीट परीक्षा से छूट देने का आग्रह करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
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