तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सनातन धर्म विवाद मामले में गुरुवार को अपने मंत्री उदयनिधि स्टालिन का बचाव किया है। उन्होंने एक बयान में कहा है कि उदयनिधि ने केवल 'सनातन द्वारा प्रचारित उन अमानवीय सिद्धांतों' के बारे में बात की थी जो अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के ख़िलाफ़ भेदभाव करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका किसी भी धर्म या धार्मिक विश्वास को अपमानित करने का उनका कोई इरादा नहीं था। इसके साथ ही स्टालिन ने यह भी आरोप लगाया कि यह बीजेपी समर्थक ताक़तें थीं जिन्होंने झूठी कहानी गढ़ी है।
उदयनिधि स्टालिन ने कुछ दिनों पहले एक बयान में कहा था कि सनातन धर्म लोगों को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करता है और इसे ख़त्म करने की ज़रूरत है। विवाद बढ़ने के बाद भी अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे अपने भाषण के महत्वपूर्ण पहलू को दोहराना चाहिए- मेरा मानना है कि मच्छरों द्वारा डेंगू और मलेरिया और कोविड -19 जैसी बीमारियों के फैलाए जाने की तरह ही सनातन धर्म कई सामाजिक बुराइयों के लिए जिम्मेदार है।'
Hon'ble Minister @UdhayStalin didn't call for 'genocide' as distorted by BJP, but only spoke against discrimination. Disheartening to see the 'responsible' Hon'ble Prime Minister, Union Ministers and BJP Chief Ministers ignore facts and driven on fake narratives despite having… pic.twitter.com/F9yrdGjxqo
— M.K.Stalin (@mkstalin) September 7, 2023
उदयनिधि के बयान को लेकर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के दलों पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही है। अमित शाह ने कहा कि इंडिया गठबंधन हिंदू धर्म को ख़त्म कर सत्ता हथियाना चाहता है। गृहमंत्री अमित शाह ने राजस्थान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "I.N.D.I.A गठबंधन के दो प्रमुख दल कांग्रेस और डीएमके कह रहे हैं कि सनातन धर्म को समाप्त कर देना चाहिए। तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करने के लिए इन लोगों ने 'सनातन धर्म' का अपमान किया है।"
यहाँ तक कि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले को भुनाने की कोशिश कर दी है। मीडिया में सूत्रों के हवाले से ख़बर आई है कि पीएम मोदी ने जी20 को लेकर हुई बैठक में उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म विरोधी बयान पर ठीक से जवाब देने को कहा है।
इसी बीच अब एमके स्टालिन का लंबा चौड़ा बयान आया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा है कि उदयनिधि ने सनातन सिद्धांतों पर अपने विचार व्यक्त किए जो अनुसूचित जातियों, जनजातियों और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करते हैं। उनका किसी भी धर्म या धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा, 'यहां तक कि जब हम चंद्रमा पर चंद्रयान लॉन्च कर रहे हैं, तब भी कुछ लोग जातिगत भेदभाव का प्रोपेगेंडा फैलाना जारी रखे हुए हैं... वर्णाश्रम सिद्धांतों के आधार पर सामाजिक स्तरीकरण पर जोर देते हैं और सांप्रदायिक दावों का समर्थन करने के लिए शास्त्रों और अन्य प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हैं। कुछ लोग अभी भी आध्यात्मिक मंचों पर महिलाओं को बदनाम करते हैं, यह तर्क देते हुए कि महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए, विधवा महिलाओं को पुनर्विवाह नहीं करना चाहिए...'।
स्टालिन ने एक बयान में कहा, 'भाजपा समर्थक ताकतें दमनकारी सिद्धांतों के खिलाफ अपने रुख को बर्दाश्त करने में असमर्थ हैं और उन्होंने एक झूठी कहानी फैलाई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान किया था।' उन्होंने आगे कहा, 'भाजपा द्वारा पोषित सोशल मीडिया भीड़ ने उत्तरी राज्यों में इस झूठ को व्यापक रूप से प्रसारित किया है। हालाँकि, माननीय मंत्री उदयनिधि ने कभी भी तमिल या अंग्रेजी में नरसंहार शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। फिर भी, ऐसा दावा करते हुए झूठ फैलाया गया।'
बता दें कि अमित मालवीय ने ट्वीट में कहा था, 'उदयनिधि स्टालिन की राय है कि सनातन धर्म का न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसको ख़त्म किया जाना चाहिए। संक्षेप में, वह भारत की 80% आबादी के नरसंहार का आह्वान कर रहे हैं, जो सनातन धर्म का पालन करते हैं।'
Udhayanidhi Stalin, son of Tamilnadu CM MK Stalin, and a minister in the DMK Govt, has linked Sanatana Dharma to malaria and dengue… He is of the opinion that it must be eradicated and not merely opposed. In short, he is calling for genocide of 80% population of Bharat, who… pic.twitter.com/4G8TmdheFo
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 2, 2023
एमके स्टालिन ने कहा कि यह निराशाजनक है कि प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान कहा कि उदयनिधि की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री के पास किसी भी दावे या रिपोर्ट को सत्यापित करने के लिए सभी संसाधनों तक पहुंच है। तो, क्या प्रधानमंत्री उदयनिधि के बारे में फैलाए गए झूठ से अनजान हैं, या वह जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं?'
बता दें कि शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से कर दी थी। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म का सिर्फ विरोध नहीं बल्कि उसे खत्म करना चाहिए। उनकी टिप्पणियों पर राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। स्टालिन की टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद जब कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता वह 'बीमारी जैसा है।
प्रियांक खड़गे ने कहा, 'कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या आपको मानव होने की गरिमा सुनिश्चित नहीं करता है, वह मेरे अनुसार धर्म नहीं है। कोई भी धर्म जो समान अधिकार नहीं देता... वह बीमारी जैसा है।'
दक्षिण के इन दोनों नेताओं के इसी बयान पर उत्तर प्रदेश में शिकायत दर्ज कराई गयी। पुलिस ने बुधवार को कहा कि उदयनिधि स्टालिन और प्रियांक खड़गे के खिलाफ कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। स्टालिन पर सनातन धर्म को खत्म करने का आह्वान करने और खड़गे पर उनकी टिप्पणी का समर्थन करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
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