loader

हाई कोर्ट : कोरोना के लिए चुनाव आयोग दोषी, अफ़सरों पर चले हत्या का मुक़दमा

मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कारण पाँच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों को मानते हुए इसके लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को ज़िम्मेदार ठहराया है। अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान बहुत ही कड़े शब्दों में टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग के अफ़सरों पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए क्योंकि वे चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना नियमों का पालन कराने में नाकाम रहे। अदालत ने निर्देश दिया है कि आयोग मतगणना के दिन कोरोना नियमों को सख्ती से लागू करवाए वर्ना मतगणना स्थगित कर दे।

चुनाव आयोग की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब रोज़ाना कोरोना के नए मामले साढ़े तीन लाख के ऊपर पहुँच गए हैं, पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है और देश के कई राज्यों से लोगों के मरने की ख़बरें आ रही हैं। बता दें कि चुनाव की प्रक्रिया अभी भी चल ही रही है। आज यानी सोमवार को पश्चिम बंगाल में मतदान का सातवाँ चरण चल रहा है, इतना ही नहीं, अभी एक चरण बाकी है। 

ख़ास ख़बरें
अदालत में सुनवाई के दौरान केंद्रीय चुनाव आयोग ने तर्क दिया कि उसने कोरोना प्रोटोकॉल जारी किया था और मतदान के दिन उसे सख्ती से लागू किया था। इस पर बिफर कर जज ने पूछा कि चुनाव प्रचार के समय क्या चुनाव आयोग दूसरे ग्रह पर था। 
मद्रास हाई कोर्ट ने बेहद तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा,

आपकी संस्था कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह ज़िम्मेदार है। संवभत: आपके अफ़सरों पर हत्या का मुक़दमा चलाया जाना चाहिए।


मद्रास हाई कोर्ट

अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि 2 मई को वोटों की गिनती के दिन कोरोना नियमों का सख़्ती से पालन करवाए और ऐसा न हो सके तो मतगणना रोक दे। 
मुख्य न्यायाधीश संजीव भट्टाचार्य ने कहा, 

चुनाव प्रचार के दौरान चुनाव आयोग मास्क लगाने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने और सोशल डिस्टैंसिंग को लागू कराने में नाकाम रहा। हालांकि इसके पहले कोर्ट ने इससे जुड़ा आदेश दिया था। पर चुनाव आयोग ने उसे लागू नहीं करवाया।


संजीब भट्टाचार्य, मुख्य न्यायाधीश, मद्रास हाई कोर्ट

मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि देश के लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है। 
madras high court holds election commission responsible for second corona wave - Satya Hindi
अदालत ने कहा कि चिंता की बात यह है कि अदालत को यह याद दिलाना पड़ रहा है और इस वक्त हालात ऐसे हो गए हैं कि जिंदा रहने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। 
मद्रास हाई कोर्ट के इस खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस सेंथिलकुमार राममूर्ति भी थे। बेंच ने केंद्रीय चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी और राज्य के स्वास्थ्य सचिव के साथ मिल कर मतगणना के दिन कोरोना नियमों को लागू करने की योजना बनाएं। यदि वे ऐसा नहीं कर सकते तो मतगणना रोक दें। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

तमिलनाडु से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें