केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दो दिन पहले ही कहा है कि तमिलनाडु में भी तमिल भाषा में मेडिकल की पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए ताकि तमिल भाषा में स्कूली पढ़ाई पढ़ने वाले बच्चे भी बेहद आसानी से मेडिकल की पढ़ाई कर सकें, वे भी एमबीबीएस कर सकें। ये वही अमित शाह हैं जिन्होंने 7 अप्रैल को नई दिल्ली में संसदीय राजभाषा समिति की बैठक में कहा था कि सभी पूर्वोत्तर राज्य 10वीं कक्षा तक के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने पर सहमत हो गए हैं। इसके साथ ही गृह मंत्री ने कहा था कि जब अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोग बात करें तो अंग्रेजी छोड़कर हिंदी में ही बात करें। बीजेपी भी लगातार हिंदी को अनिवार्य करने की बात कहती रही है।