अजमेर शरीफ दरगाह को जबरन हिन्दू मंदिर बनाये जाने के लिए दायर याचिका पर कोई निर्णय अगले महीने आएगा। लेकिन अयोध्या, बनारस, मथुरा, संभल होते हुए जिस तरह यह मामला अजमेर शरीफ दरगाह तक पहुंचा है, वो महत्वपूर्ण है। क्योंकि अजमेर शरीफ दरगाह का रुतबा भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उर्स के दौरान चादर भेजे जाने से कुछ अलग ही है। इसके बावजूद संघ प्रायोजित याचिका दायर कर इसे भी मुद्दा बनाया गया। राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही की रिपोर्टः