अजमेर शरीफ के नीचे मंदिर होने का दावा भले ही हिंदु सेना ने किया हो लेकिन अब बीजेपी का इसके पीछे का एजेंडा सामने आ गया है . वैसे भी अजमेर से सटा ब्यावर और भीलवाड़ा संघ परिवार की बरसों से प्रयोगशाला रहा है. सूफी संत की दरगाह पर दावे से पहले अजमेर में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल खादिम का नाम बदलकर अजयमेरु होटल किया गया. बीजेपी ने नेता यह कहने से नहीं थकते कि अजमेर का असली नाम तो अजयमेरु था जिसे मुगलों ने बदल कर अजमेर कर दिया था.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह विवादः संघ की प्रयोगशाला रहा है अजमेर
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- 29 Mar, 2025

अजमेर शरीफ दरगाह को जबरन हिन्दू मंदिर बनाये जाने के लिए दायर याचिका पर कोई निर्णय अगले महीने आएगा। लेकिन अयोध्या, बनारस, मथुरा, संभल होते हुए जिस तरह यह मामला अजमेर शरीफ दरगाह तक पहुंचा है, वो महत्वपूर्ण है। क्योंकि अजमेर शरीफ दरगाह का रुतबा भारत के प्रधानमंत्री द्वारा उर्स के दौरान चादर भेजे जाने से कुछ अलग ही है। इसके बावजूद संघ प्रायोजित याचिका दायर कर इसे भी मुद्दा बनाया गया। राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार विजय विद्रोही की रिपोर्टः