क्या राहुल गांधी का रायबरेली से चुनाव लड़ना एक मास्टर स्ट्रोक है या वह बीजेपी के जाल में फंस गये हैं? क्या उन्होंने बीजेपी को ही उलझा दिया है? कहा जा रहा था कि बीजेपी अमेठी में राहुल गांधी को चुनावी महाभारत में अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाना चाहती है ताकि वह अमेठी तक उलझ कर रह जाएं। पूरा चुनाव राहुल गांधी बनाम स्मृति ईरानी हो जाए और मोदी को बाक़ी का पूरा मैदान खुलकर खेलने के लिए छोड़ दिया जाए। बीजेपी चाह रही थी कि अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ें ताकि मोदी को परिवारवाद का आरोप नये सिरे से लगाने का मौक़ा मिल जाए। मां सोनिया गांधी राजस्थान से राज्य सभा में और बेटा बेटी लोकसभा में। एक ही परिवार के तीन तीन सदस्य संसद में। कांग्रेस इस खेल को समझ रही थी।
रायबरेली से राहुल- डर गये या डरा दिया?
- विचार
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- 3 May, 2024

राहुल गांधी ने क्या बीजेपी के चक्रव्यूह से बचने के लिए रायबरेली को चुना? क्या वह अभिमन्यु नहीं बनना चाहते थे और इसी वजह से क्या यह राहुल का मास्टरस्ट्रोक है?
प्रियंका गांधी चुनाव लड़ने का मानस नहीं बना पा रही थीं। प्रियंका गांधी को लग रहा है कि पूरे देश में इंडिया गठबंधन के लिए प्रचार कर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाना और मोदी के आरोपों का जवाब देना किसी एक लोकसभा सीट से बंधने से ज्यादा जरूरी है। साफ़ है कि जिस सहज सरल अंदाज में प्रियंका गांधी मोदी के झूठ को बेनकाब कर रही हैं और महिला यौन शोषण करने वालों का बचाव करने पर मोदी को कटघरे में खड़ा कर रही हैं उस तरह राहुल गांधी भी हमला नहीं कर पा रहे हैं। मोदी चाहते हुए भी प्रियंका गांधी पर व्यक्तिगत हमले करने की स्थिति में नहीं हैं।