राजस्थान में बीजेपी में असंतोष बढ़ने लगा है। ऐसा लग रहा है कि कुछ नेता लोकसभा चुनावों के नतीजों का इंतजार कर रहे थे। चुनावों में ग्यारह सीटों की हार ने ऐसे नेताओं के दिल के दर्द को सामने रख दिया है। राजपूत नेता देवी सिंह भाटी ने राजपूत नेता राजेन्द्र सिंह राठौड़ पर तीखा हमला करते हुए चुनावों में हार के लिए सबसे बड़ा कारण बताया है। झुंझुनूं में चुनाव हारने वाले शुभकरण चौधरी का साफ तौर पर कहना है कि वोटिंग के एक दिन पहले भी अग्निवीर योजना पर बीजेपी समीक्षा करने जैसा बयान दे देती तो चुनाव बदल जाता। भजनलाल सरकार में मंत्री झाबर खर्रा ने भितरघात और उम्मीदवारों के चयन को निशाने पर लिया है।
राजस्थान बीजेपी में बगावत के सुर?
- राजस्थान
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- 19 Jun, 2024

क्या राजस्थान बीजेपी में सबकुछ सही नहीं है? विधानसभा की पांच सीटों का उपचुनाव अगर बीजेपी जीतने में कामयाब नहीं हुई तो क्या आलाकमान की गाज गिर सकती है? जानिए, किसपर गिर सकती है गाज।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भजनलाल से लेकर प्रधानमंत्री तक को खत पर खत लिख चुके हैं। इसमें जयपुर में सरकारी आवास में डेढ़ हजार करोड़ के घोटाले से लेकर पानी-बिजली उपलब्ध नहीं कराने की शिकायतें की गयी हैं। हैरानी की बात है कि पानी- बिजली पर कांग्रेस से ज्यादा बीजेपी नेताओं में रोष नजर आ रहा है। नेता अपनी ही सरकार की लापरवाही को सरेआम हवा दे रहे हैं। इसके अलावा दबे स्वर में कुछ अन्य नेता कांग्रेस से आनन फानन में नेताओं के आयात को भी हार से जोड़ रहे हैं। जाहिर है कि मोटे तौर पर आलाकमान को भी निशाने पर लिया जा रहा है और भजनलाल सरकार के प्रति नाराजगी सामने आ रही है। तो क्या यह माना जाए कि भजनलाल शर्मा को हटाकर नया मुख्यमंत्री लाया जा सकता है? क्या वसुंधरा राजे की वापसी हो सकती है?