अमेरिका के आसमान में अज्ञात उड़ने वाली चीजों की बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को चौथी अज्ञात चीज को मार गिराया गया। क्या ये यूएफओ कोई अज्ञात महाशक्ति भेज रही है। जानिएः
अमेरिका में हाल में चीन के संदिग्ध जासूसी गुब्बारे दिखने के एक के बाद एक मामले के बाद अब अमेरिका ने इन पर कार्रवाई करनी शुरू की है। जानिए इस पर चीन ने क्या प्रतिक्रिया दी।
चीन का एक और कथित जासूसी गुब्बारा लैटिन अमेरिका में दिखा। पेंटागन ने इसकी जानकारी दी। चीन की प्रवक्ता ने आज शनिवार को इस मामले को तूल देने के लिए फटकार लगाई। पहला गुब्बारा दिखने के बाद यूएस विदेश मंत्री ने अपनी चीन यात्रा स्थगित कर दी थी।
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद अमेरिका और चीन के बीच हालात और बदतर होने वाले हैं? पेलोसी और उनके परिवार के सदस्यों पर चीन ने प्रतिबंध क्यों लगाया?
चीन ने गुरुवार को सैनिक अभ्यास के दौरान ताइवान को डराने के लिए पानी में मिसाइलें दागीं। ताइवान रक्षा विभाग और रॉयटर्स ने मिसाइलें दागने की पुष्टि की है।
चीन ने अपने कुछ ड्रोन ताइवान की सीमा में भेजे तो ताइवान ने उन पर गोलियां बरसा दीं। चीनी हैकर्स ने ताइवान रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर साइबर अटैक किया। भारी तनाव के बीच चीन ने गुरुवार को फिर से मिलिट्री ड्रिल ताइवान के चारों तरफ शुरू कर दिया है।
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने दुनिया में खलबली मचा दी है। श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की उपस्थिति से क्या ऐसी खलबली मची थी? ऐसे हालात में भारत को क्या करना चाहिए?
चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन के लड़ाकू जेट ताइवान की सीमा में घुस गए हैं। चीन ने कहा है कि वो ताइवान जल क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करेगा। इस क्षेत्र को वो अपना मानता है। पेलोसी का ताइवान दौरा जारी है
नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा का विरोध करते हुए रूस और उत्तरी कोरिया ने चीन का समर्थन कर दिया है। नैन्सी पेलोसी इस समय ताइवान में हैं और चीन के फाइटर जेट ताइवान में घुस चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के हिसाब से कल तीन महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं। एक तो अलास्का में अमेरिकी और चीनी विदेश मंत्रियों की झड़प, दूसरी मास्को में तालिबान-समस्या पर बहुराष्ट्रीय बैठक और तीसरी अमेरिकी रक्षा मंत्री की भारत-यात्रा।
चीन दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में उभरा है। उसकी आर्थिक नीतियाँ आक्रामक हैं। वह पूरी दुनिया भर में अपना जाल बिछा रहा है।लेकिन अमेरिका और यूरोपीय देश उसके पीछे पड़ चुके हैं।