नैंसी पेलोसी ने ताइवान पहुंच कर अमेरिका की प्रतिष्ठा बचा ली है अन्यथा चीन ने ऐसा नहीं करने की अंतिम चेतावनी दे रखी थी। व्यक्तिगत तौर पर यह नैंसी पेलोसी की बहादुरी है जो डोनाल्ड ट्रंप के काल में भी स्त्री स्वतंत्रता, नस्लभेद और लोकतंत्र के लिए मुखर आवाज़ रही थीं। जो बाइडेन के लिए भी यह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में बतौर राष्ट्रपति खुद को मज़बूत दिखाने का अवसर बनकर आया है। अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिका की किरकिरी होने के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका ने यह दिखाया है कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में उसकी पकड़ कमजोर नहीं हुई है।