एक लेख में राहुल गांधी द्वारा राजे-रजवाड़ों की ‘अंग्रेज़ भक्ति’ पर उठाए गए सवालों पर आख़िर ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों भड़के हैं? जानिए, सिंधिया परिवार का क्या इतिहास रहा है।
नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लेख को भाजपा नेता पचा नहीं पा रहे हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी की आलोचना की तो कांग्रेस ने भी मोर्चा संभाल लिया। कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के दौरान सिंधिया परिवार का इतिहास उठाया और उन पर ईस्ट इंडिया कंपनी के समर्थन का आरोप लगाया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अशोकनगर में खुले आम भ्रष्टाचार हो रहा है, राशन की दुकानों पर भ्रष्टाचार हो रहा है और भू-माफिया जमकर सिर उठा रहा है। एमपी में अपनी ही सरकार पर ऐसा आरोप क्यों?
क्या काँग्रेस इस बार सिंधिया के घर में कमाल कर पाएगी? कितना दम है उसकी चुनौती में? क्या सिंधिया महल राजनीति को बचा पाने में कामयाब होंगे? वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव की ख़ास रिपोर्ट-
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कांग्रेस को एक बार फिर ‘झटका’ दिया है। मुरैना से कांग्रेस के टिकट पर विधायक और पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे राकेश मावई को उन्होंने ‘तोड़’ लिया है।
मिलिंद देवड़ा ने रविवार को कांग्रेस छोड़ दी। वह राहुल के क़रीबी थे। उनसे पहले भी सिंधिया, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह जैसे क़रीबी राहुल का साथ छोड़ चुके हैं। राहुल क्या दोस्त चुनने में ग़लती करते हैं?
मिलिंद देवड़ा ने रविवार को कांग्रेस छोड़ दी और वह एकनाथ शिंदे खेमे की शिवसेना में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले इसे पार्टी के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। जानिए, हाल के वर्षों में कौन-कौन नेता छोड़ चुके हैं पार्टी।
प्रियंका गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया परिवार पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें ग़द्दार कहा तो सिंधिया नेहरू तक चले गए. प्रतिक्रिया में लोगों ने झांसी की रानी से लेकर अंग्रेजों की दलाली जैसे मुद्दे उठा दिये .एमपी में कांग्रेस हमलावर है.क्या वह इस सबसे जीत का फासला बढ़ा रही है? आज की जनादेश चर्चा.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर राजनीतिक दलों में अंदरुनी घमासान जारी है। जानिए, बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार के सामने क्यों लेटर गए असंतुष्ट।
मध्यप्रदेश में आख़िर बीजेपी में सबकुछ ठीक क्यों नहीं चल रहा है? आख़िर पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने से फायदा हुआ या नुक़सान?
क्या भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के सबसे मजबूर नेता बन गए है। क्योंकि उन्हें अपने कट्टर राजनीतिक शत्रुओं के सामने नतमस्तक होना पड़ रहा है। राकेश अचल मध्य प्रदेश की राजनीति के बारे में बता रहे हैंः